बंगाल में हिंसा, घोटाले, पशु तस्करी पर सवाल उठाती है किताब कराहता बंगाल

नई दिल्ली, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बीच एक किताब प्रकाशित हुई है, जिसमें राज्य में हिंसक घटनाओं, पशु तस्करी, शारधा चिटफंड आदि घोटालों पर गंभीर सवाल खड़े किए गए हैं। कराहता बंगाल नामक किताब में कहा गया है कि बंगाल के औद्यौगिक वैभव को किसी की नजर लग गई, जिसकी वजह से आज राज्य निवेश के मोर्चे पर फिसड्डी साबित हो रहा है।

लेखक संजय राय शेरपुरिया के मुताबिक, भारतीय संविधान ने देश के हर नागरिक को अभिव्यक्ति की आजादी है। लेकिन, बंगाल में जिस तरह से हिंसा की राजनीति को हवा मिली है है, चिटफंड घोटाले की जांच के लिए बंगाल गई सीबीआई टीम को गिरफ्तार कर देश के संघीय ढांचे को चुनौती दी गई, वह बेहद चिंता का विषय है। ऐसी कई घटनाओं को देखकर मुजे लगा कि लोकतांत्रिक मूल्यों और राष्ट्रीय एकता व अखंडता को पुष्ट करने के लिए पुस्तक का लिखा जाना जरूरी है।

संजय राय शेरपुरिया के मुताबिक, बंगाल आज घुसपैठियों और रोहिंग्या का पनाहगार बना हुआ है। राज्य में राष्ट्रद्रोही गतिविधियां चल रही हैं। राष्ट्रद्रोही तत्व आज पूरे देश की आंतरिक सुरक्षा को भस्मासुर की तरह चुनौती देते नजर आ रहे हैं। किताब में बंगाल में पशु तस्करी, बंगाल के औद्यौगिक वैभव को किसकी लगी नजर, शारधा चिटफंड घोटाला, श्रीराम और मां दुर्गा जैसे विषयों पर चर्चा की गई है।

–आईएएनएस

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