बंगाल : भाटपारा हिंसा में 1 की मौत, निषेधाज्ञा लागू

कोलकाता, 20 जून (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले के भाटपारा में गुरुवार को फिर से हिंसा भड़कने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। पुलिस ने हिंसा रोकने के लिए फायरिंग की और प्रभावित क्षेत्रों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू किया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद अर्जुन सिंह ने आरोप लगाया कि हिंसा में मारे गए व्यक्ति को सिर में ‘पुलिस द्वारा बेहद नजदीक से गोली मारी गई’, जबकि छह अन्य को भी गोली लगी है।

बैरकपुर के पुलिस आयुक्त तन्मय रॉय चौधरी सहित किसी भी पुलिस अधिकारी से बार-बार प्रयास के बावजूद संपर्क नहीं किया जा सका।

हिंसा नए भाटपारा पुलिस थाने के उद्धाटन के दिन भड़की है। इसका उद्घाटन पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र द्वारा किया जाना था। लेकिन हिंसा इतनी भीषण थी कि महानिदेशक बीच में ही लौट गए और आनन-फानन में राज्य सचिवालय नाबना पहुंचे, जहां सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए एक जरूरी बैठक बुलाई थी।

बैठक के बाद राज्य के गृह सचिव अलापन बंदोपाध्याय ने बैठक के बाद घोषणा की कि नया पुलिस थाना काम करने लगा है।

इसके बाद, वीरेंद्र अतिरिक्त बल के साथ भाटपारा लौटे और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की।

कुछ घायलों की स्थिति बहुत गंभीर बताई जा रही है।

मृतक की पत्नी ने कहा, “कुछ हंगामा सुनकर मेरे पति घर से बाहर निकले थे। उन्हें सिर में गोली मारी गई।”

स्थानीय लोगों के अनुसार, बदमाशों ने बम फेंके और एक दूसरे पर फायरिंग की। पुलिस ने आंसू गैस के गोले से स्थिति के नियंत्रित नहीं होने के बाद फायरिंग की।

पुलिस ने इलाके से कुछ हथियार और क्रूड बम बरामद किए हैं।

बंदोपाध्याय ने कहा, “पश्चिम बंगाल सरकार बैरकपुर पुलिस कमिश्नरी के तहत जगदल, भाटपारा और अन्य स्थानों पर कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने को गंभीरता से ले रही है। धारा 144 लागू कर दी गई है। सामान्य हालात बहाल करने के सभी प्रयास किए रहे हैं।”

रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गई है और इलाके में अतिरिक्त बल भेजा गया है।

नवनियुक्त गृह सचिव ने कहा, “भाटपारा में नया पुलिस थान खुल गया है। रूट मार्च आयोजित किया जाएगा। दक्षिण बंगाल के एडीजी को मौके पर भेजा गया है।”

उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अन्य अधिकारी इस मामले को पूरी गंभीरता से देख रहे हैं।”

भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने कहा, “चूंकि मैं दिल्ली में हूं तो पुलिस ने तृणमूल के कुछ कार्यकर्ताओं को यह सब करने की अनुमति दी है। वे पिछले तीन दिनों में लूटपाट और हिंसा के मूक गवाह हैं। उन्हें (तृणमूल कार्यकर्ताओं) खुला छोड़ दिया गया है और पूरी साजिश पुलिस द्वारा रची गई है। सात लोगों को गोली मारी गई है।”

तृणमूल नेता मदन मित्रा ने इस बात का जिक्र किया कि भाटपारा में हिंसा एक महीने से हो रही है। उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि अर्जुन सिंह व्यक्ति की मौत के लिए पुलिस फायरिंग को जिम्मेदार बता रहे हैं जबकि पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि उन्होंने गोली हवा में चलाई थी।

मित्रा ने कहा कि भाजपा हिंसा की राजनीति में डूबी हुई है। जो अधिकारी स्थिति पर काबू पाने की कोशिश करते हैं, उन्हें वे निशाना बना रहे हैं।