बंगाल : प्रधानमंत्री ने कमजोर वर्गो को दिया न्याय का भरोसा

कोलकाता, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। राज्य के अनुसूचित जाति और मतुआ समुदाय तक पहुंचने के प्रयास में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी शरणार्थियों, मतुआ और नामसुद्र को न्याय देने का भरोसा दिया और साथ ही इन समुदायों की उपेक्षा के लिए तृणमूल कांग्रेस को आड़े हाथों लिया।

नदिया जिले के मतुआ बहुल कल्याणी में एक रैली में बोलते हुए मोदी ने कहा, दीदी को बांग्लादेश में ओरकंडी जाना पसंद नहीं था, जहां मतुआ संप्रदाय के संस्थापक और समाज सुधारक हरिचंद ठाकुर का जन्म हुआ था। उन्होंने मेरी यात्रा पर सवाल उठाए .. मैं आज आपको आश्वासन देने आया हूं कि सभी शरणार्थियों को सभी सुविधाएं मिलेंगी, उन्हें न्याय मिलेगा। भाजपा के लिए, सभी शरणार्थियों, मतुआ और नामसुद्र भाइयों को न्याय प्रदान करना भी एक भावनात्मक प्रतिबद्धता है।

मोदी ने न केवल न्याय का भरोसा दिया, बल्कि ममता बनर्जी पर तृणमूल कांग्रेस के एक नेता द्वारा अनुसूचित जनजाति की तुलना भिखारी से करने पर कुछ नहीं कहने पर भी निशाना साधा।

उन्होंने कहा, दीदी खुद को रॉयल बंगाल टाइगर कहती हैं। आपको बता दें कि किसी के लिए उसकी अनुमति के बिना ऐसी बातें कहना संभव है? ऐसी टिप्पणियों से बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की आत्मा को ठेस पहुंची है। ऐसी गंभीर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है, लेकिन दीदी ने इसकी निंदा नहीं की है या इसके लिए माफी मांगी।

मोदी ने सोमवार को ही उत्तर 24 परगना के बारासात में एक अलग रैली में कहा, दीदी, आपने दलितों, दीदी का अपमान करके सबसे बड़ा पाप किया है।

प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि बनर्जी की तुष्टिकरण की राजनीति ने मतुआ और नामसुद्र समुदायों को चोट पहुंचाई।

इससे पहले सोमवार को बर्धमान जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, दीदी का गुस्सा, कड़वाहट, दुस्साहस बढ़ रहा है, क्योंकि उन्होंने महसूस किया है कि उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल चुनाव 2021 में मतदान के चार चरणों में बहुमत हासिल करने में विफल रही है। बंगाल की जनता ने विधानसभा चुनाव के पहले चार चरणों में इतने चौके और छक्के मारे हैं कि भाजपा ने अपना शतक पूरा कर लिया है और टीएमसी का सफाया हो गया है।

–आईएएनएस

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