राष्ट्रपति महमूद अब्बास के कार्यालय द्वारा गुरुवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि यह कदम सभी अंतरराष्ट्रीय वैधता प्रस्तावों का उल्लंघन है, मुख्य रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संकल्प 2334, जो स्पष्ट रूप से सभी फिलिस्तीनी क्षेत्रों में बस्तियों के निर्माण की अवैधता की पुष्टि करते है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में कहा गया है कि इजरायल की योजना 1993 में इजरायल और फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) के बीच हुए ओस्लो शांति समझौते के विपरीत है।
इसमें कहा गया है कि कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में किसी भी इजरायली बस्ती के निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी या उसे वैध नहीं किया जाएगा।
बयान में अमेरिका और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस्राइली ²ढ़ता को रोकने के लिए गंभीरता से तुरंत काम करने का आवाहन किया गया है, अगर यह जारी रहता है, तो तनाव और अस्थिरता बढ़ जाएगी।
बुधवार को, यह बताया गया कि वेस्ट बैंक में 2,200 निपटान इकाइयों के निर्माण की नई योजना को मंजूरी देने के लिए इजरायली नागरिक प्रशासन की उच्च योजना और निर्माण परिषद सात महीनों में पहली बार अगले सप्ताह बुलाएगी।
इजराइल ने 1967 के मध्य पूर्व युद्ध में वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया था।
अधिकांश अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा यहूदी बस्तियों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन माना जाता है।
आधिकारिक फिलिस्तीनी आंकड़ों ने कहा कि 600,000 से अधिक यहूदी वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में लगभग 140 बस्तियों में रहते हैं।
–आईएएनएस
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