प्रधानमंत्री की 142 रैलियों में 40 फीसदी उप्र, बंगाल, ओडिशा में हुईं

नई दिल्ली, 18 मई (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान 142 रैलियां कीं, जिसमें चार रोडशो शामिल हैं। कुल रैलियों में से 40 फीसदी रैलियां उन्होंने उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में की। इन तीनों राज्यों में लोकसभा की कुल 143 सीटें हैं।

प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के मेरठ से अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की थी और मध्य प्रदेश के खरगोन में इसका समापन किया। मोदी ने चार रोडशो भी किए और आखिर में एक संवादाता सम्मेलन में भी शामिल हुए, लेकिन उन्होंने एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया। इसकी वजह से उनकी आलोचना भी हुई।

प्रधानमंत्री ने सबसे ज्यादा 29 रैलियां उत्तर प्रदेश में कीं। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल में 17 और बीजद शासित ओडिशा में आठ रैलियां कीं।

वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में भारी जीत दर्ज की थी और 80 में 71 सीटें जीती थी।

बंगाल में 42 सीटों में से भाजपा को केवल दो मिली थीं और ओडिशा में 21 सीटों में से एक सीट मिली थी।

प्रधानमंत्री ने इस बार उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा समय इसलिए दिया, क्योंकि वहां दो चिरप्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) ने गठबंधन कर लिया है और इससे माना जा रहा है कि इस बार भाजपा के लिए यहां राह आसान नहीं होगी।

भाजपा पश्चिम बंगाल और ओडिशा में अपना नंबर दुरुस्त करना चाहती है और इसीलिए प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के बाद इन दोनों राज्यों में सबसे ज्यादा रैलियां कीं।

प्रधानमंत्री और भाजपा का कहना है कि पश्चिम बंगाल की मदद से पार्टी 300 से ज्यादा सीटें हासिल करेगी। लेकिन एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर आईएएनएस से कहा कि पश्चिम बंगाल में आक्रामक प्रचार से पार्टी को उम्मीद है कि बहुमत हासिल हो जाएगा।

भाजपा नेता ने कहा, “पार्टी को उम्मीद थी कि उत्तर प्रदेश में कम से कम 60 सीटें मिलेंगी, लेकिन ऐसा लग नहीं रहा। इसे महसूस करते हुए ही पार्टी नेतृत्व ने पश्चिम बंगाल में आक्रामक प्रचार किया।”

पार्टी पिछले दो सालों से पश्चिम बंगाल और ओडिशा में अपनी रणनीति बनाने में जुटी थी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने कई नेताओं शिव प्रकाश, सौदान सिंह और अरविंद मेनन को वहां भेजा था।

भाजपा के एक नेता ने आईएएनएस से कहा कि हिंदी पट्टी के तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनावों में पराजय के बाद पार्टी ने संघ के जमीनी कार्यकर्ताओं को इन दोनों राज्यों में नियुक्त किया था।

उन्होंने कहा, “इन दोनों राज्यों में पार्टी का लक्ष्य कम के कम 30 सीटों का है।”

इन राज्यों के अलावा मोदी ने बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और गुजरात में कुल मिलाकर 50 रैलियां कीं। इन छह राज्यों में लोकसभा की 196 सीटें हैं, जिनमें से भाजपा ने पिछले चुनाव में 150 जीती थी। सहयोगी दलों के साथ उसने वर्ष 2014 में 167 सीटों पर जीत दर्ज की थी।