पैनकार्ड पर लिखा नंबर क्या होता है?

पुणे: पुणेसमाचार

आप पैनकार्ड का इस्तेमाल तो करते ही होंगे, लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि उस पर 10 अंकीय नंबर क्यों दर्ज होता है? या उस नंबर का क्या मतलब होता है? अगर नहीं, तो हमारी यह ख़बर पड़ने के बाद आप समझ जाएंगे। दरअसल, पैन पर मौजूद हर नंबर और अक्षर का एक खास मतलब होता है। पहले तीन डिजिट अंग्रेजी के अक्षर होते हैं, जो A से लेकर Z तक कुछ भी हो सकते हैं। ये क्या होंगे और इनका क्रम क्या होगा, इस बात का निर्धारित आयकर विभाग ही करता है।

ये होता है मतलब 
सही मायनों में पैनकार्ड पर दिया गया चौथा अक्षर सबसे खास होता है। इसी से पता चलता है कि पैनकार्ड किसी व्यक्ति का है या कंपनी का। यदि कार्ड पर ‘P’ अंकित है तो इसका अर्थ है एकल व्यक्ति। अगर ‘F’ है तो फर्म, ‘C’ है तो कंपनी। इसी तरह यदि पैनकार्ड पर ‘A –AOP’ दिया है तो इसका अर्थ है एसोसिएशन ऑफ पर्सन, ‘T’ – ट्रस्ट, ‘H- HUF’ यानी हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली, ‘B –BOI’ यानी बॉडी ऑफ इंडिविजुअल, ‘L’- लोकल, ‘J’- आर्टिफिशियजल ज्यूडिशियल पर्सन और ‘G’ यानी गवर्नमेंट।

पांचवां अक्षर…?
पैनकार्ड पर मौजूद पांचवां अक्षर आपके सरनेम से बनता है। यानी अगर आपका सरनेम गुप्ता है, तो कार्ड का पांचवां अक्षर होगा ‘जी’। आपके सरनेमा का अंग्रेजी का पहला अक्षर आपके पैनकार्ड का पांचवां अक्षर होगा। छठवें डिजिट से लेकर नौवें डिजिट तक अंक होते हैं। जो 0001 से लेकर 9999 तक कुछ भी हो सकते हैं। यह वे नंबर होते हैं, जिसकी सीरीज पैनकार्ड बनवाते समय आयकर विभाग में चल रही होती है। ठीक आपके वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर की तरह। पैनकार्ड का आखिरी डिजिट एक लेटर होता है, जो एक अल्फाबेट चेक डिजिट है।