पूर्वोत्तर के लोगों के हक पर असर नहीं डालेगा नागरिकता विधेयक : शाह

गुवाहाटी, 9 सितंबर (आईएएनएस)| केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि पूर्वोत्तर के मूल निवासियों से कहा कि वे प्रस्तावित नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर चिंतित न हों, क्योंकि इससे उनके अधिकार प्रभावित नहीं होंगे। नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (एनईडीए) के चौथे सम्मेलन में उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के तीन मुख्यमंत्रियों ने नागरिकता संशोधन विधेयक मुद्दे को उठाया है और आशंका जाहिर की है कि प्रस्तावित कानून मूल लोगों के अधिकारों को कम कर सकता है।

शाह ने कहा, “नागरिकता संशोधन विधेयक के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। यह उनके अधिकारों को प्रभावित नहीं करेगा। विधेयक में बांग्लादेश सहित पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का प्रावधान है।”

गृहमंत्री ने यह भी दोहराया कि केंद्र संविधान के अनुच्छेद 371 से छेड़छाड़ नहीं करेगा, जो पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए निश्चित विशेष प्रावधानों को सुनिश्चित करता है। उन्होंने भरोसा दिया कि असम या देश के किसी दूसरे हिस्से में किसी बाहरी को घुसपैठ की इजाजत नहीं दी जाएगी।

उन्होंने कहा, “अनुच्छेद 371 स्थायी है और पूर्वोत्तर के राज्यों का अधिकार है। क्षेत्र के लोगों की सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने के लिए इस अनुच्छेद को जैसा है, उसी तरह रखा जाएगा।”

पूर्वोत्तर के सभी राज्यों को संयुक्त रूप से पर्यटन को बढ़ावा देने लिए एक साथ आने के लिए जोर देते हुए अमित शाह ने भरोसा दिया कि मानव तस्करी को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाया जाएगा।

गृहमंत्री ने कहा कि सभी राज्यों को सीमा मुद्दे को हल करने व विकास के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्ण समर्थन की बात कही।

उन्होंने कहा, “हमें एक ऐसा पूर्वोत्तर बनाना है जो भारत के विकास का इंजन बने और देश के जीडीपी वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह विजन जल्द ही वास्तिविकता में बदलेगा।”