पूरी दुनिया के छात्रों को आकर्षित करने के लिए ‘टीच इन इंडिया’ की आवश्यकता- विद्यासागर राव

मुंबई : पुणे समाचार

पूरी दुनिया के व्यवसायियों को आकर्षित करने के लिए जैसे ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट बनाया गया है, उसी तर्ज पर दुनिया भर के छात्रों को आकर्षित करने के लिए ‘टीच इन इंडिया’ परिकल्पना को वास्तव में साकार करने की आवश्यकता पर राज्यपाल विद्यासागर राव ने बल दिया।

आईआईटी मुंबई के 59वें स्थापना दिवस तथा 60वें वर्ष में पदार्पण के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में आईआईटी मुंबई के संचालक मंडल के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ.अनिल काकोडकर, संचालक मंडल के वर्तमान अध्यक्ष दिलीप संघवी, संचालक प्रा.देवांग खक्कर, सहित पूर्व संचालक, छात्र, अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर राव ने कहा एमआईटी और हॉवर्ड जैसे नामी विश्वविद्यालयों में अध्ययन करने की इच्छा पूरी दुनिया के छात्रों के मन में होती है। दुनिया भर के छात्र हमारे देश में भी पढ़ाई करने के लिए आना चाहे इसलिए ज़रूरी है कि देश में उच्च गुणवत्ता पर आधारित शिक्षा संस्थानों की स्थापना हो।

आईआईटी मुंबई का पूरी दुनिया में अपना अलग स्थान है। इस संस्थान की देन वे 52 हज़ार से अधिक अभियंता और वैज्ञानिक हैं जिन्होंने शिक्षा, शोध, उद्योग आदि विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हुए देश में ही नहीं विदेशों में भी अपनी साख जमाई है। ब्रिक्स देशों के क्यू एस विश्व क्रम में मुंबई आईआईटी नौंवे स्थान पर है, जो बहुत ही गर्व की बात है।

उन्होंने आईआईटी मुंबई के अंतर्गत और दो कैम्पस होने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। राज्यपाल ने यह भी कहा कि महिलाओं के लिए अलग से कैम्पस होना चाहिए जिसमें महिलाओं के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम होना चाहिए और ख़ासकर ग्रामीण महाराष्ट्र से आए छात्रों के लिए अलग से कैम्पस होना चाहिए। विदर्भ या मराठवाड़ा में यह कैम्पस बनना चाहिए ताकि ग्रामीण इलाके के छात्रों को भी शिक्षा की सुविधा मिल सकें।