पुलिस के आश्वासन के बाद शांत हुआ तनाव

पिंपरी, अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई का विरोध कर रही महिला द्वारा चौथी मंजिल से कूद कर छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली गई। पिंपरी चिंचवड़ के पिंपले गुरव इलाके में बीती दोपहर घटी इस घटना के बाद महिला के परिजनों ने मनपा प्रशासन को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराकर उसका शव लेने से मना कर दिया। इसके चलते सांगवी- पिंपले गुरव इलाके में बीती रात से तनाव का माहौल व्याप्त रहा। बुधवार को परिमंडल तीन के पुलिस उपायुक्त गणेश शिंदे ने उन्हें इस मामले की व्यापक जांच व दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया, तब कहीं जाकर लोगों का आक्रोश शांत हुआ और शाम को महिला के शव का अंतिम संस्कार किया गया।
मंगलवार की दोपहर को पिंपरी चिंचवड़ मनपा का अमला पिंपले गुरव के अवैध निर्माणों को ध्वस्त कराने पहुंचा। देवकर पार्क नामक अवैध इमारत, जिसे पहले भी ध्वस्त किया गया था और वह पुन: निर्माण की गई, पर कार्रवाई के लिए जाने पर यहां रहनेवाली देवीबाई तुलशीराम पवार (30) नामक महिला ने विरोध जताना शुरु कर दिया। मनपा का अमला कार्रवाई को लेकर आग्रही रहा, पुलिस बल का प्रयोग किया गया, जिसके चलते गुस्से में आकर पवार ने चौथी मंजिल से छलांग लगा दी। गंभीर रुप से घायल अवस्था में उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। इस घटना से महिला के परिजनों व इलाके के स्थानीय नागरिकों में आक्रोश व्याप्त है। गुस्साई भीड़ ने मनपा के अमले व मशीनरी पर पथराव भी किया।
पवार के परिजनों व विश्वगोरा बंजारा सेवा संघ ने पोस्टमार्टम के बाद भी शव लेने से मना कर दिया। उनका कहना है कि पवार की मौत के लिए मनपा व पुलिस जिम्मेदार है। औंध जिला अस्पताल के प्रांगण में रात से 500-600 लोगों की भीड़ जुटी रही। कोई अनुचित घटना न घटे इसके लिए पुलिस ने पूरे इलाके में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। आज दिनभर पवार के परिजन व समाज के लोग अपनी भूमिका पर कायम रहे और शव अपने कब्जे में लेने से मना करते रहे, इससे आज दिनभर भी तनाव का माहौल कायम रहा। आखिरकार दोपहर में परिमंडल तीन के पुलिस उपायुक्त गणेश शिंदे व अन्य अधिकारियों के साथ यहां पहुंचे, उन्होंने इस मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया, तब कहीं जाकर यह तनाव शांत हो सका।