पुणे मेट्रो बनेगा टुरिझम हब

महाराष्ट्र मेट्रो के कार्यकारी अध्यक्ष रामनाथ सुब्रमण्यम; चौथी राष्ट्रीय निर्माण परिषद की शुरुवात

पुणे :
पुणे मेट्रो प्रकल्प का काम गती से किया जा रहा है. सभी समस्याओ को दूर कर 2021 तक मेट्रो को ट्रॅकपर लाना है. इसके लिए दुनिया की सबसे बहतरीन तकनिक का इस्तेमाल मेट्रो निर्माण मे किया जा रहा है. सभी सोईसुविधा ग्राहको को देकर पुणे मेट्रो को दुनिया का टुरिझम हब बनाने का प्रयास महाराष्ट्र मेट्रो का है. ऐसा प्रतिपादन महाराष्ट्र मेट्रो के कार्यकारी अध्यक्ष रामनाथ सु​​ब्रमण्यंम इन्होने किया.

एमआयटी आर्ट, डिझाईन आणि टेक्नालॉजी विद्यापीठ, राजबाग, लोणी काळभोर के कॉलेज ऑफ मॅनेजमेंट की और से आयोजित चौथी राष्ट्रीय निर्माण और यातायात सुविधा परिषद मे सुब्रमण्यम बोल रहे थे. इस समये क्रीडाई के अध्यक्ष शांतीलाल कटारिया, मिटकॉम की संचालिका प्रा. सुनीता मंगेश कराड, एमआयटी एडीटी विद्यापीठा के कुलगुरु डॉ. सुनील राय, विद्यापीठ रजिस्टार डॉ. महेश देशपांडे, पुणे मेट्रो के सल्लागार शशिकांत लिमये, पीसीईआरएफ के अध्यक्ष विश्वास लोकरे, जयकुमार इन्फास्ट्रक्चर के युसूफ इनामदार, राजीव नेहरू, मिटकॉम के विवेक सिंग आदी उपस्थित थे.

महाराष्ट्र मेट्रो के कार्यकारी अध्यक्ष रामनाथ सुब्रमण्यंम ने कहां की, यातायात व्यवस्था जनता के लिए अहम है. इसके लिए सत्ताधारी और सरकार महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है. लोगों को सोईसुविधा देणे काम सरकार करती है. पुणे के साथ राज्य के मेट्रोपॉलिटीन क्षेत्र मे यातायात व्यवस्था मजबूत करणे का काम किया जारहा है. नागपूर के बाद पुणे मेट्रो का काम महामेट्रो कर रही है. मेट्रो शुरु होणे पर लोगों को कॉमन मोबिलिटी कार्ड, ग्रीन मेट्रो सोलार स्टेशन, स्टेशन डिझाईन, फ्री वाय-फाय, साईकील सेवा, पार्किंग सुविधा, सभी स्थानको को शहर बससे जोडणा, मोकळा पदपथ, रेन वाटर हार्वेस्टिंग की सुविधा देणे का प्रयास हमार रहेगा, ऐसा ही उन्होने कहा.

क्रीडाई के अध्यक्ष शांतीलाल कटारीया ने कहां की, भारत यह विकसनशील देश है. देश मे निर्माण कार्य और यातायात सुविधा को बहतर कराने मे युवाओ के लिए बडा अवसर है. मजबूत निर्माण कार्य के लिए नियोजन की आवश्यकता है. नियोजन के बिना निर्माण क्षेत्र का काम नही हो शकता. भविष्य मे इस क्षेत्र मे करिअर करनेवालो के लिए अच्छे अवसर है, लेकिन इस क्षेत्र मे काम करनेवालो ने केवल खूद काम ना कर दुसरो के हाथो को काम देणे का प्रयास करना चाहिए. यस क्षेत्र मे शिक्षा ले रहे छात्र और पक्क्ष काम करनेवालोने एसी रुम बैठकर काम करने कि बजाए साईटपर जाकर काम का अनुभव लेना चाहिए, ऐसा ही कटारिया इन्होने कहा.

प्रा. सुनीता मंगेश कराड ने कहां की, पायाभूत सुविधा भारत के आर्थिक उत्पन्न का स्त्रोत है. निर्माण कार्य और यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के लिए दुनिया भर से पैसा लाया जा रहा है. इस क्षेत्र मे काम करनेवालो को प्रशिक्षण के साथ आधुनिक तकनिक की शिक्षा देणे की आवश्यकता है.

पुणे मेट्रो के सल्लागार शशिकांत लिमये ने कहां की, पायाभूत सुविधां के निर्माण के लिए देश के सामने कठिनाई है. हायवे, मेट्रो, एअरपोर्ट, नदी के उपर के पूलो को निर्माण कार्य, ओव्हर ब्रीज का निर्माण बडे पैमाने पर किया जा रहा है. इसके लिए कूशल वर्करस की आवश्यकता है. दरम्यान, पीसीईआरएफ के अध्यक्ष विश्वास लोकरे ने कहां की आधुनिक तकनिक का इस्तमाल कर छात्रो ने इस मे करिअर करना चाहिए. केवल धनसंपत्ती बडाने के चक्कर मे ना पडकर युवाओने गुणवतापूर्ण काम की और ध्यान देणा चाहिए. इससे देश और समाज के विकास के लिए महत्वपूर्ण काम होगा.