सोशल मीडिया पर सज रही जिस्म की मंडी

फेसबुक और व्हाट्सऐप पर तय होती है डील

मोहन दुबे : पुणे समाचार

हाईटेक दुनिया में सारे काम हाईटेक तरीके से किए जाने लगे हैं, यहाँ तक कि जिस्मफरोशी भी। यही वजह है कि इस धंधे में लिप्त लोगों तक पहुँचना पुलिस के लिए अब उतना आसन नहीं रहा है। पिंपरी- चिंचवड़ में कई ऐसे रैकेट सक्रिय हैं, जो फेसबुक और व्हाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म से जिस्मफरोशी को बढ़ावा दे रहे हैं। खासकर हिंजवडी और वाकड़ जैसे इलाकों में इन हाईटेक दलालों की सक्रियता सबसे ज्यादा है। पुलिस की नज़रों से बचने के लिए ये दलाल ग्राहक से संपर्क करने से लेकर बुकिंग तक का सारा काम ऑनलाइन करते हैं।

सबकुछ ऑनलाइन 
एजेंट पहले फेसबुक और व्हाट्सऐप पर सेक्स वर्कर की तस्वीरें भेजते हैं, फिर उनकी कीमत तय की जाती है, सबकुछ तय होने के बाद सोशल मीडिया पर ही जगह और समय के बारे में बताया जाता है। सबकुछ इतना गोपनीय ढंग से होता है कि साइबर सेल के लिए अपराधियों तक पहुँचना मुश्किल हो जाता है।

5 से लेकर 50 हजार तक 
वेबसाइट के जरिए सेक्स परोसने वाले एजेंट अपना दायरा बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया पर भी अलग-अलग रूप में अपनी जानकारी साझा करते हैं। जब कोई ग्राहक उनसे संपर्क करता है, तो उसे सेक्स वर्कर की फ़ोटो, रेट आदि व्हाट्सऐप पर भेजे जाते हैं। डील पक्की होने के बाद आगे की जानकारी मुहैया कराई जाती है। जिस्मफ़रोशी करने वाली लड़कियों की कीमत 5 हजार से लेकर 50 हजार रुपयों लगाई जाती है।