पुणे में हर रोज होते हैं 11 हादसे; जाती हैं 4 जानें

सड़क सुरक्षा रिपोर्ट का खुलासा
पुणे, आए दिन होनेवाली सड़क दुघर्टनाओं के चलते हादसों के शहर में तब्दील होते जा रहे पुणे जिले में हर रोज 11 सड़क हादसे होते हैं और उनमें चार लोगों की जानें जाती हैं। यह चौंका देनेवाली जानकारी सामने आयी जिला सड़क सुरक्षा रिपोर्ट से। विभागीय आयुक्तालय में संपन्न हुई जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में यह रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें बीते तीन सालों में पुणे जिले में हुए 11 हजार 790 हादसों में 4412 लोगों की मौत होने की जानकारी शामिल हैं। इन हादसों में 9582 लोग घायल हुए हैं। इन आंकड़ों पर गौर करें तो शहर की बजाए ग्रामीण क्षेत्रों में हादसों के साथ ही मृतकों व घायलों की संख्या भी सर्वाधिक नजर आती है।
2015 में पुणे जिले में कुल 4078 हादसे हुए जिनमें 1543 लोगों की मौत हुई और 3348 लोग घायल हुए। इनमें से शहरी क्षेत्र में 1443 और ग्रामीण क्षेत्र में 2635 हादसे हुए जिसमें क्रमश: 438, 1543 मौतें हुई और क्रमश: 1205, 2143 घायल हुए हैं। 2016 में जिले में कुल 3737 हादसे हुए जिनमें 1471 लोगों की मौत हुई और 2953 लोग घायल हुए। इनमें से शहरी क्षेत्र में 1376 और ग्रामीण क्षेत्र में 2361 हादसों में क्रमश: 410, 1061 मौतें हुई और क्रमश: 1036, 1917 घायल हुए हैं। 2017 में जिले में कुल 3975 हादसे हुए जिनमें 1398 मौतें हुई और 3281 लोग घायल हुए। इनमें से शहरी क्षेत्र में 1507 और ग्रामीण क्षेत्र में 2468 हादसे हुए जिसमें क्रमश: 373, 1025 मौतें हुई व क्रमश: 1151, 2130 घायल हुए हैं।
इस रिपोर्ट के अनुसार पुणे शहर से ज्यादा ग्रामीण पुणे में हादसों की संख्या सर्वाधिक है। गत वर्ष पुणे व पिंपरी चिंचवड़ शहरों में तकरीबन डेढ़ हजार हादसे हुए, जिनमें 373 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में हुए हादसों की संख्या तकरीबन ढाई हजार तक पहुंच गई जिनमें 1025 लोगों की मौत हुई है। इस बैठक में सांसद अमर साबले, विधायक भीमराव तापकीर, अपर जिलाधिकारी रमेश काले, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी बीआई आजरी, ट्रैफिक पुलिस उपायुक्त अशोक मोराले, महामार्ग पुलिस अधीक्षक अमोल तांबे, उप प्रादेशिक परिवहन अधिकारी संजय राऊत, विनोद सगरे, अनिल वलीव, आनंद पाटिल आदि उपस्थित थे।
इस बैठक में सांसद शिवाजी आढलराव पाटिल ने सड़क निर्माण करनेवाली कंपनियों से रोड सेफ्टी रिपोर्ट लेने की सूचना व सड़क सुरक्षा अभियान हेतु तालुकावार ट्रैफिक पार्क विकसित करने की सलाह दी। सांसद अनिल शिरोले ने एक्सप्रेस वे के हादसों पर चिंता जताते हुए पाबंदी के बावजूद एक्सप्रेसवे पर दोपहिया चलानेवालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। हादसाप्रवण क्षेत्रों का सर्वेक्षण करने, स्कूल व कॉलेज छात्रों में सड़क सुरक्षा के बारे में प्रबोधन के लिए शिक्षा विभाग व युनिवर्सिटी के सहयोग से उपक्रम चलाए, हादसाग्रस्तों को राहत हेतु बीमा कंपनियां एकमुश्त थर्ड पार्टी बीमा योजना शुरु करें आदि मांगे भी बैठक में की गई।