पिम्परी चिंचवड़ मनपा में चल पड़ी बदलाव की बयार

महापौर, सभागृह नेता के साथ विपक्षी नेता बदलने की गतिविधियां तेज

पिम्परी। स्थायी समिति अध्यक्ष व सदस्यों के बाद जहां पिम्परी चिंचवड़ मनपा की सत्ताधारी भाजपा में महापौर, उपमहापौर, सभागृह नेता बदलने की हलचल शुरू है, वहीं विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस में भी विपक्षी नेता बदलने की गतिविधियां तेज हो चली है। इससे मौजूदा विपक्षी नेता योगेश बहल की कुर्सी डांवाडोल होने लगी है। राष्ट्रवादी में इस पद के लिए वरिष्ठ नगरसेवक नाना काटे, दत्ता साने, मंगल कदम होड़ में आगे चल रहे हैं। हांलाकि इसका फैसला राष्ट्रवादी के शीर्ष नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार करेंगे। 22 मार्च तक इसका फैसला तय माना जा रहा है।

ड्रा के जरिए 8 सदस्यों के बाहर होने के बाद स्थायी समिति में नए सदस्यों की नियुक्ति और नए अध्यक्ष का चुनाव हालिया सम्पन्न हुआ। नई अध्यक्षा ममता गायकवाड़ के पदभार स्वीकारते ही सत्ताधारी भाजपा ने स्थायी समिति में अपने बचे हुए 5 सदस्यों के इस्तीफे मंजूर कर लिये। सदस्यों का कार्यकाल दो की बजाय एक वर्ष कर पांच सालों में ज्यादा से ज्यादा नगरसेवकों को मौका देने की नीति के तहत भाजपा ने ड्रा के बाद स्थायी समिति में बचे हुए 5 सदस्यों के इस्तीफे पहले ही ले रखे थे। अब 20 मार्च की सर्व साधारण सभा में नए सदस्यों की नियुक्ति की जानी है। इसके लिए भाजपा के नगरसेवकों में होड़ मची हुई है।

मोरे, पवार की भी चिंता बढ़ी

स्थायी समिति अध्यक्ष पद के चुनाव में मचे सियासी घमासान के बीच महापौर नितिन कालजे ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। इस पर अभी फैसला होना बाकी है, मगर इस पद के लिए आस लगाए बैठे भाजपा के इच्छुक नगरसेवकों में होड़ मची है। जहां शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप गुट ने इसके लिए कमर कस ली है, वहीं स्थायी समिति से अनिच्छा से बाहर निकले सदस्यों ने महापौर के साथ उपमहापौर व सभागृह नेता को बदलने की मांग कर दी है। भाजपा में जारी बदलाव की बयार के चलते उपमहापौर शैलजा मोरे और सभागृह नेता एकनाथ पवार की चिंता भी बढ़ गई है।

नहीं छोड़ पाए विशेष छाप

सत्ताधारी भाजपा के साथ विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस में भी विपक्षी नेता योगेश बहल को पद से हटाने की कवायद शुरू हो गई है। इस पद के लिए बहल पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे हैं, न ही विपक्षी दल के नेता के तौर पर वे अपनी कोई छाप छोड़ पाए। इसी बात को पार्टी में रहे उनके विरोधी गुटों ने मुद्दा बनाया हुआ है और उन्हें पद से हटाने की गतिविधियां तेज कर दी है। 22 मार्च को बहल का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है, उससे पहले ही राष्ट्रवादी के नगरसेवकों में इस पद के लिये होड़ मची है। वरिष्ठ नगरसेवक नाना काटे, दत्ता साने, मंगला कदम जैसे कई दिग्गज नेता होड़ में शामिल हैं।