पाकिस्तान में सेना ही बनाती रहेगी विदेश व सुरक्षा नीति : रिपोर्ट

 लंदन, 8 नवंबर (आईएएनएस)| इकोनॉमिस्ट इंटेलिजेंस यूनिट (ईआईयू) की भविष्य के हवाले से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में आने वाले सालों में सेना द्वारा ही विदेश व सुरक्षा नीति को बनाया जाना जारी रखा जाएगा।

  रिपोर्ट में कहा गया है कि देश की मौजूदा तहरीके इंसाफ पार्टी सरकार को इसे लेकर कोई ऐतराज नहीं है। अखबार द इकोनॉमिस्ट से संबद्ध द इकोनॉमिस्ट ग्रुप की शोध एवं अनुसंधान शाखा द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार की रजामंदी के कारण उसके और सेना के बीच के संबंध सौहार्दपूर्ण बने रहेंगे।

रिपोर्ट में पाकिस्तान के साल 2020 से 2024 तक की राजनैतिक व आर्थिक संभावनाओं का लेखा-जोखा दिया गया है और कहा गया है कि इमराननीत पाकिस्तान तहरीके इंसाफ की सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और विपक्ष अपने नेताओं पर लगे कई मुकदमों के कारण बिखरा रहेगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज सरकार के खिलाफ रणनीति के लिए तालमेल बना सकती हैं। इसके नतीजे में संसद में विधायी प्रक्रिया में बाधा पड़ सकती है। इससे इमरान खान सरकार पर दबाव तो पड़ सकता है लेकिन सत्ता पर उसकी पकड़ कमजोर नहीं होगी।

रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि देश की राजनीति में हस्तक्षेप का इतिहास रखने वाली सेना व इसकी खुफिया इकाई एक हद तक देश की न्यायिक संस्थाओं पर अपने संविधानेत्तर प्रभाव का इस्तेमाल कर इमरान सरकार का समर्थन जारी रखेगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सेना इमरान प्रशासन पर अपने प्रभाव को जारी रखेगी, विशेषरूप से विदेश नीति व सुरक्षा नीति के मामले में।

इसमें कहा गया है कि जब तक सेना तहरीके इंसाफ सरकार के साथ रहेगी, इसके छोटे सहयोगी दल भी इसके साथ बने रहेंगे।

रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि इन आने वाले सालों में चीन, पाकिस्तान का मुख्य रणनीतिक व आर्थिक साझेदार बना रहेगा जबकि सीमापार आतंकवाद व कश्मीर के मुद्दे पर भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्ते तनावपूर्ण बने रहेंगे।