पाकिस्तान ने जम्मू एवं कश्मीर पर यूएनएचआरसी में 115 पन्नों का ‘दस्तावेज’ सौंपा

 जिनेवा, 10 सितम्बर (आईएएनएस)| जम्मू एवं कश्मीर मामले का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने के हताशा भरे प्रयासों के बीच पाकिस्तान ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) को 115 पन्नों का ‘दस्तावेज’ सौंपा, जिसके अंतर्गत वहां की स्थिति के बारे में बेबुनियाद आरोप लगाए गए हैं।

 दस्तावेज में 35 पन्ने कश्मीर के इतिहास और वहां की मौजूदा स्थिति पर समर्पित हैं, जिसके बारे में पाकिस्तान खुद स्वीकार कर रहा है कि यह ‘अपर्याप्त रूप से प्राप्त सूचना’ के आधार पर है। बाकी 80 पन्ने, एक संगलग्नक के रूप में हैं, जिसमें कुछ अंत्येष्टि, प्रदर्शन की तस्वीरें और यासीन मलिक जैसे अलगाववादी नेताओं की आशंका शामिल है।

भारत सरकार पर निशाना साधने के लिए दस्तावेज में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती, नोबेल पुरस्कार विजेता व अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन, सोनिया गांधी नीत राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) के पूर्व सदस्य ज्यां द्रेज, वाम कार्यकर्ता कविता कृष्णन और लेखिका अरुं धति राय के आलोचनात्मक बयान शामिल हैं।

पाकिस्तान ने अपने दस्तावेज में दावा किया कि जम्मू एवं कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को हटा दिया गया क्योंकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) वहां की जनसांख्यिकी में बदलाव चाहता है।

दस्तावेज के अनुसार, “राष्ट्रीय स्वयं सेवकसंघ/हिंदू कट्टरवादियों के प्रभाव में भारत के कब्जे वाले कश्मीर (आईओजेके) की जनसांख्यिकी बदलने और इसके मामलों में केंद्र सरकार की स्थिति मजबूत करने का प्रयास है। इन महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए भारत ने हाल ही में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को हटा दिया, जो आईओजेके को संचार, रक्षा और विदेश मामलों को छोड़कर विशेष दर्जा देता था। इसके अलावा अनुच्छेद 35 ए को भी हटा दिया गया जो आईओजेके विधानसभा को राज्य का स्थायी निवासी परिभाषित करने का अधिकार देता था।”

दस्तावेज के अनुसार, भारत कश्मीर में अपने पक्ष को मजबूत करने के लिए आर्थिक और कूटनीतिक प्रयास कर रहा है और हुर्रियत नेताओं को हमेशा के लिए दरकिनार करने के मकसद से उन्हें ‘पूरी तरह से अप्रासंगिक’ बना दिया है।

दस्तावेज में नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की भी चर्चा है, जिसमें वह अपनी भूमिका और उकसावे को स्वीकार किए बिना इसके लिए भारत पर आरोप लगा रहा है।