साल 2013 में मुजफ्फरनगर दंगों के बाद रालोद गुमनामी में डूब गई थी, मगर अब वह किसानों के आंदोलन में अपनी सक्रिय भूमिका के साथ आगे बढ़ रही है।
अब तक घोषित परिणामों के अनुसार, मेरठ में जिला पंचायत में रालोद ने आठ सीटें हासिल की हैं, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को छह-छह सीटें मिली हैं।
मुजफ्फरनगर, शामली, बुलंदशहर, बागपत, हापुड़ और बिजनौर में रालोद ने अच्छा प्रदर्शन किया है।
मुजफ्फरनगर में पार्टी को चार सीटें मिलीं, जबकि आजाद समाज पार्टी (भीम आर्मी) को छह सीटें मिलीं। यहां भाजपा ने 13 और बसपा ने तीन सीटें जीतीं।
शामली में रालोद ने 19 में से 6 सीटें और बुलंदशहर में चार सीटों पर जीत दर्ज की।
रालोद ने अलीगढ़ में दस, मथुरा में आठ और बागपत में नौ सीटें जीती हैं।
रालोद महासचिव अनिल दुबे ने कहा कि पंचायत के परिणामों ने साबित कर दिया है कि अब इवेंट मैनेजमेंट भाजपा को चुनाव जिताने में मदद नहीं कर सकता है।
दुबे ने कहा, हमने अयोध्या में भी एक सीट जीती है, जिससे पता चलता है कि हमारी उपस्थिति अब पश्चिमी यूपी से परे भी है। किसानों के आंदोलन में पार्टी नेताओं की भूमिका ने पार्टी को पुनर्जीवित कर दिया है और अगला चुनाव (विधानसभा) गेम चेंजर बनने जा रहा है।
–आईएएनएस
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