परिक्रमा भी करते थे हिंदू : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, 9 नवंबर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि 1856-57 तक विवादित स्थल पर नमाज पढ़ने के कोई सबूत नहीं हैं।

कोर्ट ने कहा कि 1856 से पहले अंदरूनी हिस्से में हिंदू भी पूजा करते थे और आपत्ति जताए जाने के बाद बाहर बने चबूतरे पर पूजा करने लगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंग्रेजों ने दोनों हिस्से अलग-अलग रखने के लिए रेलिंग बनाई थी। बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी।