पराली बनेगी आय का साधन : कृषि राज्यमंत्री (आईएएनएस विशेष)

नई दिल्ली, 29 नवंबर (आईएएनएस)| पराली अब किसानों के लिए बदनामी की वजह नहीं, बल्कि आय का साधन बनेगी। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि सरकार पराली का बेहतर उपयोग करने पर विचार कर रही है, ताकिवह किसानों के लिए आय का साधन बने।

कैलाश चौधरी ने आईएएनएस से खास बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) का सपना है कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी हो और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए पराली का बेहतर उपयोग करने की दिशा में सरकार प्रयासरत है।

उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे उपायों पर विचार कर रही है, जिससे किसानों को पराली जलाने जरूरत नहीं हो, बल्कि इससे वे अपनी आय बढ़ा सकें।

मंत्री ने कहा, “आज (गुरुवार) ही कुछ युवा मुझसे मिले, जिन्होंने बताया कि पराली का उपयोग वह मशरूम की पैदावार में कर सकेंगे। इसके अलावा, पराली का उपयोग टाइल बनाने में भी किए जाने पर विचार किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि सरकार उन तमाम उपायों पर विचार कर रही है, जिससे पराली का बेहतर उपयोग किया जाए और इससे किसान की आमदनी बढ़े जिसमें पराली का उपयोग ईंधन के रूप में किया जाना भी शामिल है।

चौधरी ने कहा, “आने वाले दो-तीन साल में पराली जलाने की समस्या नहीं रहेगी, इस दिशा में आईसीएआर (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद) के वैज्ञानिक भी उपाय तलाश रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि किसान आज से नहीं, बल्कि काफी लंबे समय से पराली जलाते रहे हैं। इससे निश्चित रूप से प्रदूषण होता है, लेकिन सरकार पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण की समस्या के समाधान के लिए लगातार काम कर रही है।

मंत्री ने कहा, “पिछले दो साल से सरकार द्वारा किए गए उपायों व जनजागरूकता अभियान के कारण पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। पिछले साल के मुकाबले पराली जलाने की घटना में 53 फीसदी की कमी आई है।”

पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के किसानों द्वारा पराली जलाने की घटनाओं के कारण बीते दिनों दिल्ली-एनसीआर की हवा दमघोंटू बन गई थी।

प्रदूषण की समस्या का दोष किसानों पर मढ़ने को लेकर पूछे गए एक सवाल पर कृषि राज्यमंत्री ने कहा, “दुर्भाग्य है कि इस देश में जिस प्रकार की राजनीति हो रही है, उसमें गरीब और किसानों पर गाज गिर रही है। दिल्ली सरकार प्रदूषण को खत्म करने में नाकाम है लेकिन किसानों को बदनाम कर रही है। पराली जलाने की वजह से ही प्रदूषण की समस्या पैदा होना सरासर गलत है। मात्र तीन फीसदी प्रदूषण पराली जलाने की वजह से होता है, बाकी 97 फीसदी प्रदूषण और वजहों से होता है।”

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के साथ खड़ी है और पराली का उपयोग कर उनकी आमदनी बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।

चौधरी ने कहा, “किसानों को बताया जा रहा है कि वे किस प्रकार खेतों में पराली को मिलाकर उसका खाद तैयार कर सकते हैं। साथ ही, मवेशियों के चारे के रूप में भी पराली का उपयोग किया जा सकता है। इसलिए, पराली किसानों के लिए समस्या नहीं बल्कि आय का साधन बनेगी।”