सन 1973 में लुधियाना के पास स्थित गांव गौहर से कनाडा चले गए। चौहान इससे पहले बतौर डिप्टी कलेक्टर काम कर चुके हैं। वह न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) से पांच बार विधायक बन चुके हैं, जिसने पिछले महीने हुए चुनाव में 87 सदस्यीय सदन में 57 सीटें जीतकर अपनी सत्ता बरकरार रखी।
सोमवार को शपथ लेने के बाद चौहान ने आईएएनएस को बताया, यह बताना मुश्किल है कि इस सम्मान से मैं कितना अधिक रोमांचित महसूस कर रहा हूं। अभी इस एहसास का अनुभव करना बाकी है। यह पहली बार है जब भारतीय मूल के किसी व्यक्ति को देश के बाहर कहीं और स्पीकर चुना गया है। (शायद कैरिबियन को छोड़कर)। मैं विनम्र हूं।
उन्होंने आगे बताया, 1973 में मैं जब कनाडा आया था उस वक्त मैंने बिल्कुल भी नहीं सोचा था कि मैं एक दिन चुनाव लड़ूंगा क्योंकि हमारा समुदाय काफी छोटा था और उन दिनों वहां नस्लवाद काफी ज्यादा था। आज मैंने अपना यह सफर तय कर लिया है क्योंकि हमारे समुदाय के ही अग्रणी लोगों के द्वारा हमारा मार्ग प्रशस्त किया गया है।
चौहान ने कहा, मैंने अपना करियर हर इंसान के अधिकारों की वकालत करने और भेदभाव व असमानता को खत्म करने की दिशा में काम करते हुए बिताया है और यहां असेंबली को निष्पक्ष व न्यायपूर्ण तरीके से संचालित करके ब्रिटिश कोलंबिया के लोगों की सेवा करते रहने का मुझे इंतजार है।
–आईएएनएस
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