उन्होंने यह भी दावा किया कि केंद्र सरकार द्वारा पंजाब को असम और उत्तर प्रदेश से ज्यादा रेमडेसिविर दिया गया।
भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सहकारी संघवाद की सच्ची भावना के साथ पंजाब के लिए कई काम किए हैं।
पुरी ने आगे कहा, पंजाब के लिए पीएम-केयर्स के तहत पहले से स्वीकृत 13 के अलावा 41 ऑक्सीजन प्लांटों को मंजूरी दी गई है।
केंद्र द्वारा खरीदी गई दवा या टीके में उचित हिस्सा नहीं मिलने के विपक्षी शासित राज्य के आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पुरी ने कहा, तीन राज्यों के विश्लेषण से पता चलता है कि पंजाब को प्रति हजार असम और उत्तर प्रदेश की आबादी की तुलना में अधिक संख्या में रेमडेसिविर आवंटित किया गया है।
पुरी ने बताया कि समान जनसंख्या वाले असम में प्रति हजार जनसंख्या पर 323 रेमडेसिविर मिले जबकि पंजाब को 623 रेमडेसिविर मिले। उत्तर प्रदेश को प्रति हजार जनसंख्या पर 264 रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले।
उन्होंने पंजाब के लिए मोदी सरकार द्वारा किए गए कार्यों की एक श्रृंखला को सूचीबद्ध किया और कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से और उनकी सरकार पंजाब सहित सभी राज्यों के लिए बहुत कुछ कर रही है।
टीके से मुनाफाखोरी पर पुरी ने कहा, पंजाब सरकार ने कहा था कि उन्होंने कोविशील्ड की 4.29 लाख खुराक 13.25 करोड़ रुपये में खरीदी थी, जिसकी औसत कीमत 309 रुपये प्रति खुराक थी। उन्होंने कोवैक्सीन की 1,14,190 खुराक भी 4.7 करोड़ रुपये में खरीदी थी, जिसकी औसतन प्रति खुराक 412 रुपये है। उन्होंने निजी अस्पतालों को 750 रुपये प्रति खुराक के लाभ पर टीके बेचे।
पुरी ने दावा किया कि निजी अस्पतालों को टीके बेचकर मुनाफाखोरी पर कांग्रेस नेताओं में कोई सहमति नहीं है। पुरी ने कहा, कांग्रेस के नेता एकमत नहीं हैं। उनमें से कुछ को लगता है कि केंद्र से आपूर्ति की जाने वाली दवाओं पर मुनाफाखोरी वैध है। पंजाब सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने इस घोटाले की सभी जिम्मेदारी से खुद को दूर रखा।
–आईएएनएस
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