निर्मला ने मनमोहन की टिप्पणी का दिया जवाब

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)| देश की आर्थिक नीति को लेकर सरकार व विपक्ष के बीच आरोपों का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अतीत की गलतियों को याद करना जरूरी है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन ने टिप्पणी की, “मैं आरोप-प्रत्यारोप में उलझना नहीं चाहता, लेकिन इतना तो कहूंगा कि सरकार गलत हो रही चीजों के लिए अपने विरोधियों पर दोष मढ़ने में ‘मगन’ है।”

निर्मला ने अमेरिका में संवाददाताओं से कहा, “आरोप-प्रत्यारोप में नहीं उलझने की बात कहने के लिए मैं डॉ. मनमोहन सिंह का सम्मान करती हूं, लेकिन किसी बाद का संदर्भ समझाने के लिए किसी खास अवधि में कब और क्या गलत हुआ, यह याद करना बिल्कुल जरूरी है, क्योंकि अब आरोप मुझ पर लग रहे हैं कि अर्थव्यवस्था को लेकर कोई विवरणात्मक बात नहीं कर रही हूं।”

निर्मला सीतारमण वहां वर्ल्ड बैंक-आईएमएफ की बैठकों में हिस्सा लेने गई हैं।

इससे पहले मनमोहन सिंह ने यहां कहा था, “मैंने सिर्फ वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के बयानों को देखा है। मैं उस बयान पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, लेकिन अर्थव्यवस्था को कोई तभी दुरुस्त कर सकता है जब वह उसके कारणों व उसके सही निदान को जानेगा। सरकार अपने विरोधियों के खिलाफ आरोप मढ़ने में मगन है, इस तरह तो वह अर्थव्यवस्था की बहाली सुनिश्चित कर सकने वाला समाधान नहीं पा सकती।”

उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) बीते पांच सालों से केंद्र की सत्ता में नहीं है, इसलिए भाजपा की अगुवाई वाली सरकार जिम्मेदार है, मगर वह जिम्मेदारी नहीं ले रही है।

उन्होंने कहा, “जब मैं सत्ता में था तो जो हुआ सो हुआ। कुछ कमजोरियां थीं। लेकिन आप हमेशा अपनी गलतियों के लिए यूपीए को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। आप पांच साल से सत्ता में हैं। हर बात में यूपीए की तरफ इशारा करना पर्याप्त नहीं है।”

मनमोहन न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय में बातचीत के दौरान निर्मला की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। निर्मला सीतारमण ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक मनमोहन सिंह व पूर्व भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर रघुराम राजन के कार्यकाल के दौरान सबसे बुरे दौर में थे।

वित्तमंत्री ने बाद में कहा कि उन्होंने यह टिप्पणी रघुराम राजन द्वारा ‘केंद्रीय नेतृत्व’ की आलोचना के बारे में खास सवाल के जवाब में की।