नाबालिग बेटे के यौन शोषण मामले में गिरफ्तार महिला को सशर्त जमानत

तिरुवनंतपुरम, 22 जनवरी (आईएएनएस)। केरल हाई कोर्ट ने नाबालिग बेटे का यौन शोषण करने के मामले में गिरफ्तार 35 वर्षीय महिला को शुक्रवार को सशर्त जमानत दे दी। बेटे की शिकायत पर महिला को गिरफ्तार किया गया था।

जस्टिस एस शिर्सी ने एक लाख रुपये के मुचलके पर महिला को जमानत देते हुए सरकार को एक महिला आईपीएस अधिकारी के नेतृत्व में विशेष जांच दल गठित करने का निर्देश दिया।

कोर्ट ने सरकार को तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों का एक विशेष मेडिकल बोर्ड गठित करने का भी निर्देश दिया क्योंकि अभियोजन पक्ष ने अपनी याचिका में इस बात का उल्लेख किया था कि वह नाबालिग बच्चा कई शारीरिक व मानसिक परेशानियों से जूझ रहा है। कोर्ट ने बच्चे को उसके पिता से अलग रखने का भी निर्देश दिया।

गौरतलब है कि बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी थी कि इस नाबालिग बच्चे की मां से तलाक लिए बगैर ही उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली और उसके पिता ने ही बच्चे को अपनी मां के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने के लिए विवश किया।

गिरफ्तार महिला की मां ने पत्रकारों से कहा कि मेरी बेटी निर्दोष है और उसे साजिशन फंसाया गया है। नाबालिग बच्चे के पिता ने मेरी बेटी को तलाक दिए बगैर ही दूसरी शादी कर ली और अपने चार बच्चों के साथ अभी मध्य-पूर्व (विदेश) में है। अब उसने मेरी बेटी से तलाक के कागजात पर जबरन दस्तखत करवाने के लिए यह साजिश रची है।

उसने आगे कहा कि महिला आइपीएस अधिकारी के नेतृत्व में विशेष जांच दल गठित करने के माननीय उच्च न्यायालय का निर्देश एक स्वागतयोग्य कदम है। सच्चाई अवश्य सामने आनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि मां और बेटे का संबंध बहुत पावन होता है। यह संबंध उस दिन से शुरू होता है जिस दिन वह गर्भधारण करती है।

गौरतलब है कि 14-वर्षीय बालक ने कडक्कवूर थाने में यह शिकायत दर्ज कराई थी कि उसकी मां ने दो साल तक (वर्ष 2017 से 2019 के बीच) उसका यौन शोषण किया। इसके बाद उस महिला को इस वर्ष 5 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया।

–आईएएनएस

सबएडिटर-एसकेपी