नव्य अयोध्या देखने को बेताब हैं लोग

 अयोध्या, 22 फरवरी (आईएएनएस)| अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का फैसला आने के बाद से देश-दुनिया की निगाहें इसी पर टिकी हुई हैं।

  उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे विकसित करने के लिए कई योजनाओं की घोषणाएं कर रखी हैं। भव्य मंदिर के निर्माण से पर्यटन को भी नई गति मिलने की पूरी उम्मीद है। वहीं दूसरी ओर, लोग नव्य अयोध्या देखने को भी बेताब हैं। यहां शनिवार को हनुमानगढ़ी क्षेत्र में श्रद्धालुओं का रेला ‘जय श्रीराम’ का उद्घोष करते हुए बढ़ा चला जा रहा था। दर्शन कर लौट रहे मुरादाबाद के श्रद्धालु रमेश दूबे ने कहा, “वर्षो की साधना अब पूरी होने वाली है, यह सोचकर ही मन में प्रसन्न हो उठता है। अब रामलला टेंट से आजाद होंगे। ट्रस्ट को शीघ्र ही राम मंदिर निर्माण की तिथि घोषित करनी चाहिए।”

दंतधावन कुंड तिराहे के दुकानदार शेरू ने कहा, “लंबा संघर्ष हुआ है, अब बस मंदिर बन जाए, इसी बात की इच्छा है। मंदिर निर्माण में हम भरपूर सहयोग करेंगे। हमारा अयोध्या आना-जाना अक्सर लगा रहता है। मंदिर निर्माण के फैसले के बाद से भक्तों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। नया स्वरूप बनेगा तो और लोग भी आएंगे। इसीलिए उसका इंतजार कर रहे हैं।”

म्यांमार से आए श्रद्धालु धनाबालन ने कहा, “अभी मीडिया में राम मंदिर की खबरें सुनते रहे हैं। जब निर्णय आ गया है तो इसे शीघ्र बनाया जाना चाहिए। मंदिर बनने के बाद आसपास के क्षेत्रों को विकसित किया जाएगा तो यह बेहतर होगा। यहां हम दोबारा दर्शन के लिए आएंगे।”

महापौर ऋषिकेष उपाध्याय ने बताया, “एक कन्सलटेंसी आई है, जो पूरे आयोध्या का सर्वे कर रही है। इसके बाद महा योजना बनेगी। फिर अयोध्या तीर्थ विकास परिषद का गठन होने वाला है। इसके अलावा कई करोड़ की योजनाओं पर काम चल रहा है। रामकी पौड़ी के कायाकल्प, एयरपोर्ट विस्तार व भगवान राम की 251 मीटर ऊंची प्रतिमा नव्य अयोध्या की चमक में चार-चांद लगाएगी। पौराणिक महत्व के कुंडों एवं हेरिटेज पार्क भी विकसित करने की तैयारी चल रही है। पर्यटन कई गुना बढ़ा है। पर्यटन की दृष्टि से यह काफी महत्वपूर्ण है।”

राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से जुड़े पर्यटन विशेषज्ञ आचार्य मनोज दिक्षित ने आईएएनएस को बताया, “आने वाले लोगों की पर्यटकों व श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी, क्योंकि अब मंदिर को लेकर तनाव खत्म हो गया है। अभी यहां पर विशेष काम होना बाकी है। यहां पर्यटन को बढ़ाने के लिए कई जमीनी स्तर के काम किए जाने की जरूरत है। अभी यहां पर मुख्य लिंक ज्यादा मजबूत नहीं है। अयोध्या को पूर्वाचल पथ से जोड़ा जाए।”

उन्होंने, “अयोध्या-काशी फोर लेन यहां के पर्यटन के लिए काफी कारगर होगी। पर्यटकों के लिए कुछ नई ट्रेन चलाई जा सकती है। यहां पर कर्तनिया घाट से क्रूज चलाए जाने की बहुत ज्यादा संभावना है। आध्यात्मिक सांस्कृतिक के अलावा आर्थिक रूप से यहां का पर्यटन मजबूत हो सकता है।”