‘नक्शे को फाड़ने से अदालत की मर्यादा टूटी’

नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद मामले की सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड के वरिष्ठ वकील राजीव धवन द्वारा एक नक्शे को फाड़े जाने की घटना की वकील समुदाय ने निंदा की है, जिनका कहना है कि वकीलों को कार्यवाहियों के दौरान अदालतों की मर्यादा को बनाए रखना चाहिए। अयोध्या भूमि विवाद मामले में 16 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश धवन ने एक पिक्टोरियल मैप को फाड़ दिया, जिसमें भगवान राम के जन्मस्थल को चिह्न्ति किया गया था। इस मैप को अखिल भारतीय हिंदू महासभा की ओर से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने अदालत के समक्ष रखा था।

धवन के अनुसार, उन्होंने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की इजाजत के बाद मैप को फाड़ा, लेकिन उनकी इस कृत्य की कानून समुदाय से इतर बाहर के लोगों ने भी आलोचना की।

हिंदू महासभा के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि धवन का व्यवहार अनैतिक, गैर-पेशेवर था और उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था।

अदालत में उस वक्त मौजूद अयोध्या वार्ता समिति के अध्यक्ष मौलाना सुहैब कासमी ने भी उनके इस कृत्य की आलोचना की और कहा कि वरिष्ठ वकील का व्यवहार अनुचित था।

निर्मोही अखाड़ा के प्रवक्ता कार्तिक चोपड़ा ने कहा कि जो भी धवन ने किया वह गलत था लेकिन प्रधान न्यायाधीश ने उन्हें मैप फाड़ने की इजाजत दी थी।

इसके अलावा इस मामले से नहीं जुड़े हुए वकीलों ने भी धवन की इस बाबत आलोचना की है।

प्रसिद्ध वकील एम.एस. खान ने धवन के व्यवहार की आलोचना की और कहा, “यद्यपि प्रधान न्यायाधीश ने वरिष्ठ वकील को मैप फाड़ने की इजाजत दी थी, लेकिन उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। कोर्ट की मर्यादा बनी रहनी चाहिए।”

इस मामले में अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने बार कौंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष को पत्र लिखकर वरिष्ठ वकील के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।