दो महीने में 2500 रुपये क्विंटल बढ़ा उड़द का दाम

नई दिल्ली, 6 दिसम्बर (आईएएनएस)| प्याज, लहसुन और खाद्य तेल की महंगाई की मार झेल रहे उपभोक्ताओं को अब दाल के लिए भी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है। उड़द का भाव बीते दो महीने में 2,500 रुपये क्विंटल बढ़ चुका है और बीते छह दिनों में मटर के दाम में 600 रुपये क्विंटल की वृद्धि हुई है। मानसून सीजन के आखिर में हुई भारी बारिश से प्रमुख दलहन उत्पादक राज्यों में उड़द की फसल को काफी नुकसान हुआ है, जिसके कारण इसके दाम में लगातार बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। उधर, रबी सीजन के दलहन फसलों की बुवाई भी सुस्त चल रही है, जिससे आने वाले समय में तमाम दलहनों का दाम बढ़ने की संभावना बनी हुई है।

ऑल इंडिया दाल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया कि बारिश के कारण मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में उड़द की फसल को भारी नुकसान हुआ जिसके कारण उत्पादन कम होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इन राज्यों में करीब 40-60 फीसदी उड़द की फसल को नुकसान हुआ है और इस समय जो फसल बाजार में आ रही है उसकी क्वालिटी काफी खराब है।

महाराष्ट्र के जलगांव में देसी उड़द का भाव शुक्रवार को 7,925 रुपये प्रति क्विंटल था। मुंबई में एफएक्यू उड़द का भाव 7,650 रुपये प्रति क्विंटल जबकि चेन्नई में एफएक्यू उड़द का भाव 7,850 रुपये और एसक्यू उड़द का भाव 8,600 रुपये प्रति क्विंटल था।

वहीं, कानपुर में मटर का भाव 5,000-5,100 रुपये प्रति क्विंटल था।

दलहन बाजार विशेषज्ञ अमित शुक्ला ने बाताया कि बीते दो महीने में उड़द के दाम में 2,500-3,000 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने बताया कि अक्टूबर में जहां उड़द का भाव 5200-5,600 रुपये के बीच था वहां अब 7,600-8,600 रुपये प्रति क्विंटल चला गया है।

सरकार ने तुअर, उड़द, मूंग और मटर के आयात का कोटा निर्धारित किया है, जिसके अनुसार, चालू वित्त वर्ष में चार लाख टन तुअर (अरहर), डेढ़ लाख टन उड़द और डेढ़ लाख टन मूंग के आयात की अनुमति दी गई है। वहीं, डेढ़ लाख टन मटर का आयात करने की अनुमति दी गई है।