दो-तीन लोग तब तक मोहन बागान को चलाते : सुब्रत भट्टाचार्य

नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)| भारत के सबसे पुराने क्लबों में से एक मोहन बागान और इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के क्लब एटीके ने एक साथ आने का फैसला किया है। दोनों क्लबों ने विलय की घोषणा भी कर दी। मोहन बागान के दिग्गज खिलाड़ी सुब्रत भट्टाचार्य ने भी इस विलय पर खुशी जाहिर की है और कहा है कि क्लब की वित्तीय स्थिति को देखते हुए यह सकारात्मक कदम है।

सुब्रत ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि अगर कुछ लोग आरोप-प्रत्यारोप के बजाए सामने आकर वित्तीय तौर पर क्लब की मदद करते तो स्थिति अलग हो सकती थी।

उन्होंने कहा, “देखिए, अगर क्लब के 10,000 सदस्य हैं और उनमें से 5,000 ही अच्छा डोनेशन देते तो क्लब को किसी तरह की साझेदारी की जरूरत नहीं पड़ती। आप कब तक दो-तीन लोगों के सहारे क्लब चला सकते हो। आप मोहन बागान जैसी ख्याति वाले क्लब को इस तरह से नहीं चला सकते। इसलिए विलय अच्छा है।”

उन्होंने साथ ही कहा कि मोहन बागान के अधिकारियों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि नए क्लब के नाम में मोहन बागान की विरासत हो।

उन्होंने कहा, “अधिकारियों को क्लब का नाम रखते हुए सावधान रहना होगा। मोहन बागान अपनी विरासत खोए इस बात का सवाल ही नहीं उठता। वह सिर्फ स्पांसर के साथ हाथ मिला रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं है जब क्लब ने स्पांसर के साथ हाथ मिलाया हो। 1990 में भी मोहन बागान के साथ स्पांसर था।”

उन्होंने कहा, “एटीके ने क्लब को गोद लिया है, या यूं कहें अंबानी ने, क्योंकि वह आईएसएल के आयोजक हैं, यह सब ठीक है। मुख्य बात फुटबाल का विकास है। यही मायने रखता है।”

इस विलय ने मोहन बागान के आईएसएल में खेलने के रास्ते को खोल दिया है और अगले सीजन में वह आईएसएल में शामिल हो सकता है।

दिग्गज कोच सुभाष भौमिक ने कहा कि यह विलय लाजमी थी।

उन्होंने कहा, “कोई और तरीका नहीं था। क्लब को चलाने और आईएसएल में खेलने के लिए आपको पैसे की जरूरत होती है। भारत में ऐसे लोग ज्यादा नहीं हैं जो इस तरह का पैसा देते हैं।”