दूसरे टेस्ट में भी ‘सारस’ ने हासिल की कामयाबी

बैंगलोर वृत्तसंस्था- केंद्रीय विमान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार (21 फरवरी) को कहा कि विज्ञान एवं स्वदेशी तकनीकी से बने भारत के हल्के परिवहन विमान ‘सारस’ ने दूसरी बार सफल परीक्षण उड़ान भरी. उन्होंने कहा कि उत्पादन मॉडल डिजाइन इस साल जून-जुलाई तक तैयार हो जाने की संभावना है. यह प्रायोगिक उड़ान करीब 25 मिनट तक चली जिसकी कमान भारतीय वायुसेना (एयरक्राफ्ट सिस्टम टेस्टिंग एस्टैबलिशमेंट) के विंग कमांडर यू पी सिंह, ग्रुप कैप्टन आर वी पनिक्कर, ग्रुप कैप्टन के हाथों में थी.

इस मालवाहक विमान ने यहां एचएएल के हवाई अड्डे से उड़ान भरी.मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि सारस पीटी 1 एन के लिए निर्धारित 20 परीक्षण उड़ानों का यह दूसरा परीक्षण है. उसका पहला सफल परीक्षण इस साल 24 जनवरी को हुआ था. सारस के सैन्य संस्करण के लिए एचएएल उत्पादन एजेंसी होगी, जबकि उसके असैन्य संस्करण का निर्माण कार्य निजी उद्योगों को सौंपा जाएगा.केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारतीय वायुसेना ने शुरु में 15 ऐसे विमान अपने खेमें में शामिल करने का वादा किया है.

उन्होंने कहा कि सारस इसी श्रेणी के किसी भी आयातित विमान से 20-25 फीसदी सस्ता होगा यह 14 सीटर के बजाय 19 सीटर होगा. उन्होंने कहा, ‘70 फीसदी से अधिक स्वदेशी सामग्री वाले इस एक विमान का मूल्य 40-45 करोड़ होगा, जबकि ऐसे ही आयातित विमान की कीमत 60-70 करोड़ रुपये हैं. इसमें आयातित विमानों की तुलना में अधिक लाभ हैं.
अब अंधेरे में भी दुश्मनों के धज्जीया उड़ाएगी.