दिल्ली विश्वविद्यालय एकेडमिक काउंसिल में चार महिला उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित

नई दिल्ली, 21 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली विश्वविद्यालय एकेडमिक कांउसिल में चार महिलाओं को निर्विरोध कांउसिल का सदस्य निर्वाचित घोषित किया गया है। विश्वविद्यालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार महिलाओं के कोटे से एकेडमिक कांउसिल में पांच आवेदन आए थे, जिसमें से एक आवेदन अस्वीकृत (रद्द) होने के बाद, सभी चार महिलाओं को निर्विरोध कांउसिल का सदस्य निर्वाचित घोषित किया गया।

इसी तरह से डीयू के विभागों के चार कोटा में पांच आवेदन आए थे, इसमें भी एक उम्मीदवार का पर्चा अस्वीकृत होने से यहां पर भी सभी चार शिक्षकों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया है।

दिल्ली विश्वविद्यालय की सर्वोच्च संस्था कार्यकारी परिषद (ईसी) व विद्वत परिषद (एसी) के चुनाव में नाम वापसी प्रक्रिया के बाद शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) की उम्मीदवार डॉ. आशा रानी एकेडेमिक काउंसिल में निर्विरोध निर्वाचित चुनी गई।

दिल्ली विश्वविद्यालय की एकेडेमिक काउंसिल में यह डीटीए की पहली जीत है। इस जीत का श्रेय डीटीए ने कार्यकारिणी के सभी सदस्यों और संगठन की एकजुटता को दिया है।

डीटीए के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन ने बताया है कि, आगामी 12 फरवरी को होने वाले चुनाव में बुधवार को नाम वापसी के बाद विद्वत परिषद (एसी) में 22 उम्मीदवार मैदान में रह गए हैं।

वहीं प्रोफेशनल कोटे में मात्र एक ही उम्मीदवार ने आवेदन किया था, इसलिए उन्हें ही निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया है। विद्वत परिषद में 26 सदस्यों के लिए चुनाव होता है, इसमें 9 सदस्यों के निर्विरोध निर्वाचित चुने जाने के कारण अब 17 सदस्यों के बीच कड़ा मुकाबला होगा। ईसी में किसी भी उम्मीदवार ने अपना नाम वापस नहीं लिया, इसलिए ईसी में 5 उम्मीदवार बाकी बचे हैं।

डीटीए की एक उम्मीदवार के एकेडेमिक काउंसिल में निर्विरोध निर्वाचित घोषित होने के बाद अब उनके दो उम्मीदवार कार्यकारी परिषद (ईसी ) में डॉ. नरेंद्र कुमार पाण्डेय, एसोसिएट प्रोफेसर , रामलाल आनंद कॉलेज व विद्वत परिषद (एसी) में सुनील कुमार, सहायक प्रोफेसर शहीद भगतसिंह कॉलेज (सांध्य) खड़े किए हैं।

विश्वविद्यालय से बैलेट नम्बर मिल जाने के बाद से अब उम्मीदवार कॉलेजों व विश्वविद्यालय के विभागों में शिक्षकों से वोट देने की अपील करेंगे।

–आईएएनएस

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