मुख्यमंत्री ने दिल्ली में तनाव और हिंसा के बीच पंजाब में एक हाई अलर्ट का आदेश दिया और राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिनकर गुप्ता को निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि राज्य में कानून और व्यवस्था किसी भी कीमत पर खराब न हो।
स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा स्पष्ट रूप से कुछ लोगों द्वारा की गई है, जिन्होंने दिल्ली पुलिस और किसान यूनियनों के बीच आपसी समझौते के माध्यम से ट्रैक्टर रैली के लिए निर्धारित नियमों का उल्लंघन किया है।
दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें कई लोग और सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं। लाल किला पर भी किसानों ने अपने झंडे फहराए हैं। दिल्ली में गणतंत्र दिवस के दिन हुए बवाल के बाद राजनीति गर्मा गई है।
वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। उन्होंने ऐतिहासिक लाल किले और राष्ट्रीय राजधानी के कुछ अन्य प्रमुख जगहों पर हुई घटनाओं की निंदा की।
यह बताते हुए कि प्रमुख किसान नेताओं ने पहले ही हिंसा से खुद को अलग कर लिया है, अमरिंदर सिंह ने कहा कि आंदोलनकारी किसानों को तुरंत राष्ट्रीय राजधानी खाली करनी चाहिए और सीमाओं पर अपने शिविरों में वापस जाना चाहिए और कृषि कानूनों के खिलाफ मामले के हल के लिए केंद्र के साथ मिलकर बात करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री अमरिंदर ने एक ट्वीट में कहा, दिल्ली में चौंकाने वाले ²श्य हैं। कुछ तत्वों द्वारा की गई हिंसा अस्वीकार्य है। यह शांतिपूर्ण ढंग से विरोध कर रहे किसानों द्वारा उत्पन्न सद्भावना को नकार देगा। मैं सभी वास्तविक किसानों से दिल्ली को खाली करने और सीमाओं पर लौटने का आग्रह करता हूं।
अमरिंदर सिंह ने किसानों से संयम बरतने का आह्वान किया। उन्होंने उनके प्रदर्शन को उसी प्रकार से शांतिपूर्ण तरीके से आगे लेकर जाने की अपील की, जिस तरह से वह पिछले दो महीने से अपना विरोध जता रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शांति उनके आंदोलन की पहचान है। मुख्यमंत्री ने हर कीमत पर कानून व्यवस्था बनाए रखने पर जोर दिया।
प्रदर्शनकारी किसानों ने गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी के बीचोबीच लाल किले पर अपना झंडा फहराया। वह मध्य दिल्ली की ओर जाने से रोकने की कोशिश कर रहे थे, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुईं।
–आईएएनएस
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