तेलंगाना के पूर्व मंत्री एताला राजेंद्र भाजपा में शामिल

हैदराबाद/दिल्ली, 14 जून (आईएएनएस)। तेलंगाना के पूर्व मंत्री एताला राजेंद्र सोमवार को विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए।

वह नई दिल्ली में अपने समर्थकों के साथ केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान, भाजपा के तेलंगाना प्रभारी तरुण चुग, केंद्रीय राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डी.के. अरुणा और प्रदेश अध्यक्ष बंदी संजय की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए।

राजेंद्र के साथ, पूर्व सांसद रमेश राठौड़, पूर्व विधायक रविंद्र रेड्डी, करीमनगर जिले के पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष टी. उमा, टीएसआरटीसी कर्मचारी संघ के नेता अश्वथामा रेड्डी और उस्मानिया विश्वविद्यालय छात्र संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) के कुछ नेता भी भाजपा में शामिल हो गए।

प्रधान ने राजेंद्र को सदस्यता और कंडवा देकर पार्टी में उनका स्वागत किया। केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि तेलंगाना की राजनीति में राजेंद्र का एक विशेष स्थान है।

प्रधान ने कहा कि तेलंगाना में जब भी चुनाव होगा तो भाजपा की सरकार बननी तय है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक के बाद तेलंगाना दक्षिण में भाजपा की सरकार बनाने वाला दूसरा राज्य बन जाएगा।

राजेंद्र ने कहा कि वह और उनके समर्थक राज्य में पार्टी को मजबूत करके भाजपा नेतृत्व की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे। उन्होंने भविष्यवाणी की कि आने वाले दिनों में राज्य के सभी जिलों के कई और नेता भाजपा में शामिल होंगे।

बंदी संजय ने याद किया कि राजेंद्र ने तेलंगाना आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) से आए हैं, जो निरंकुश शैली में चलती है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने दावा किया कि केवल भाजपा ही टीआरएस को हरा सकती है। उन्होंने कहा कि भाजपा तेलंगाना आंदोलन में भाग लेने वाले नेताओं का मंच बन गई है।

मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने पिछले महीने की शुरुआत में राजेंद्र को तेलंगाना मंत्रिमंडल से हटा दिया था, क्योंकि उन आरोप लगा था कि उन्होंने अपने परिवार द्वारा संचालित पोल्ट्री इकाई के लिए मेडक जिले में किसानों की भूमि पर अतिक्रमण किया था। वह स्वास्थ्य विभाग संभाल रहे थे।

टीआरएस सरकार ने मेडचल मलकाजगिरि जिले में कथित रूप से बंदोबस्ती भूमि पर कब्जा करने के लिए राजेंद्र और उनके समर्थकों के खिलाफ दो और जांच के आदेश दिए हैं।

राजेंद्र ने बाद में टीआरएस के साथ अपना लगभग दो दशक पुराना नाता तोड़ लिया और पिछले सप्ताह विधानसभा से भी इस्तीफा दे दिया।

वह 2001 में चंद्रशेखर राव द्वारा तेलंगाना राज्य के लिए चलाए गए आंदोलन में शामिल हुए और टीआरएस के संस्थापक सदस्यों में से एक थे।

चार बार के विधायक राजेंद्र ने अविभाजित आंध्र प्रदेश की विधानसभा में टीआरएस का नेतृत्व किया था।

उन्होंने पहली टीआरएस सरकार (2014-2018) में वित्तमंत्री के रूप में कार्य किया। साल 2018 में टीआरएस के फिर से सत्ता में आने के बाद राजेंद्र को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था।

हुजूराबाद विधानसभा क्षेत्र से विधायक राजेंद्र के इस्तीफे के कारण उपचुनाव होगा, जिसमें भाजपा उम्मीदवार के रूप में लड़ने की उनकी योजना है।

राजेंद्र साल 2009 से ही हुजूराबाद निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं।

–आईएएनएस

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