तेरह साल की लड़की ने दो दिनों का उपवास रखकर बनवाया शौचालय

बल्लारी : स्वच्छता की लहर पूरे देश में चल रही है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई लोग इसके लिए तरह-तरह के कदम उठाकर मिसाल कायम कर रहे हैं। मगर क्या आपने शौचालय के लिए किसी छात्रा को उपवास करते हुए सुना है। शायद नहीं। मगर कर्नाटक के बल्लारी जिले के सिरुगुप्पा तालुक के गांव तालूर में एक सातवीं कक्षा की छात्रा ने ऐसा कर दिखाया है। छात्रा ने घर में शौचालय ना बनने तक कुछ भी खाने और पीने से साफ इंकार कर दिया। लड़की का नाम एच महनकाली है।

महनकाली ने शौचालय की महत्ता की बात पंचायत द्वारा आयोजित किए गए एक जागरुकता कार्यक्रम में सुनी थी। उसे अब गांव का आइकन बना दिया गया है। 13 साल की छात्रा गांव के ही सरकारी स्कूल में पढ़ती है। उसके परिवार को साल 2015-16 में ही शौचालय आवंटित किया गया था लेकिन वह बना नहीं। फरवरी के पहले हफ्ते में आयोजित हुए जागरुकता अभियान में हिस्सा लेने के बाद महनकाली घर वापस आई और कुछ भी खाने-पीने से तब तक के लिए मना कर दिया, जब तक उसके माता-पिता टॉयलेट बनवाने के लिए राजी नहीं हो जाते हैं।

छात्रा के माता-पिता ने उसे उपवास खत्म करने के कई कारण गिनवाए, जैसे परीक्षा पास है और भूखा रहने पर वह बीमार पड़ सकती है। हालांकि महनकाली अपने फैसले पर अडिग रही और दो दिनों तक कुछ नहीं खाया। इसके बाद यह मामला ग्राम पंचायत और स्थानीय दफ्तर के पास पहुंचा। जिसके बाद पंचायत के लोगों ने उसे उपवास तोड़ने के लिए कहा मगर उसने मना कर दिया। लड़की को मनाने में असफल रहे अधिकारियों ने उसके घर के बाहर शौचालय बनवाने का काम शुरू कर दिया।