तीन कृषि कानून पर सरकार, किसान नेताओं के बीच 10वें दौर की वार्ता शुरू

नई दिल्ली, 20 जनवरी (आईएएनएस)। तीन नये केंद्रीय कृषि काूननों पर सरकार और किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों के बीच विज्ञान भवन में बुधवार को 10वें दौर की वार्ता शुरू हो चुकी है। वार्ता में सरकार की तरफ से मंत्री समूह में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलमंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सोम प्रकाश शामिल हैं, जबकि किसानों की ओर से उन सभी यूनियनों के प्रतिनिधि शामिल हैं जो पूर्व की वार्ताओं में मौजूद थे।

देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले किसानों के प्रतिनिधियों ने वार्ता में शामिल होने से पहले बताया कि वे नये कानूनों को निरस्त करने की मांग पर ही पहले चर्चा करेंगे। किसान आंदोलन का आज 56वां दिन है। आंदोलनरत किसान केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं।

आज की वार्ता में जाने से पहले भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा, पिछली वार्ता में भी सरकार से एमएसपी पर चर्चा करने का आग्रह किया गया था और इस बैठक में भी हम इस पर चर्चा की उम्मीद करते हैं।

उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में सहयोग करने वालों को केंद्रीय एजेंसी एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) द्वारा परेशान करने का मसला पिछली वार्ता में सरकार के सामने रखा गया था, उस पर भी चर्चा होगी।

उधर, किसानों के आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को किसान परेड निकालने की घोषणा को लेकर दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। शीर्ष अदालत ने यह कहते हुए मामले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया कि कानून-व्यवस्था पर निर्णय लेने का पहला प्राधिकार पुलिस का है।

केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को निरस्त करने और एमएसपी पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर 2020 से किसान जमे हुए हैं।

उधर, इन कानूनों पर विचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के सदस्यों की मंगलवार को यहां पहली बैठक हुई।

इस बीच किसानों के आंदोलन और नये कृषि कानूनों से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है और नये कृषि कानूनों पर किसानों की आपत्तियों का समाधान करने के लिए शीर्ष अदालत ने विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन कर दिया है। इस कमेटी के एक सदस्य भूपिंदर सिंह मान के अलग होने के बाद अब इसमें तीन सदस्य हैं।

कमेटी को किसानों, किसान संगठनों व यूनियनों और अन्य हितधारकों के साथ बातचीत कर दो महीने के भीतर अपनी सिफारिशें देनी हैं।

–आईएएनएस

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