दलाई लामा के प्रतिनिधि आर्य त्सेवांग ग्यालपो ने टोक्यो में आबे और अन्य सांसदों से उनके कार्यालय में मुलाकात की और त्सेरिंग की ओर से बधाई दी।
एक पत्र में, त्सेरिंग ने कहा, आपके प्रयासों ने कई अन्य जापानी सांसदों और राजनेताओं को भी तिब्बती मुद्दे का समर्थन करने के लिए प्रेरित किया है।
उन्होंने आगे कहा कि जापान में तिब्बत के मुद्दे को उठाने के आबे के प्रयासों ने जापान-तिब्बत संबंधों के एक नए युग की शुरूआत की है, जो तिब्बती बौद्ध धर्म और संस्कृति में बढ़ती दिलचस्पी और जापानी जनता के बीच तिब्बत के लिए बढ़ते समर्थन से प्ररित है।
आबे के हवाले से सीटीए की वेबसाइट पर एक पोस्ट में कहा गया है कि जब वे प्रधानमंत्री थे, तब उन्होंने विश्व नेताओं के साथ अपनी बैठक के दौरान हमेशा तिब्बत का मुद्दा उठाया था।
उन्होंने तिब्बत की वर्तमान स्थिति के बारे में पूछताछ की और तिब्बत के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा उजागर नहीं किए जाने पर चिंता व्यक्त की।
प्रतिनिधि ने आबे को बताया कि तिब्बत में स्थिति और अधिक दमनकारी हो गई है और वहां आवाजाही और सूचना की कोई स्वतंत्रता नहीं है क्योंकि चीनी सरकार ने तिब्बत को एक पुलिस राज्य में बदल दिया है।
बाद में, प्रतिनिधि आर्य ने तिब्बत के लिए ऑल पार्टी जापानी पार्लियामेंट्री सपोर्ट ग्रुप के अध्यक्ष शिमोमुरा हकुबुन से मुलाकात की और उन्हें पेन्पा त्सेरिंग का पत्र दिया।
अपने पत्र में, उन्होंने लिखा, तिब्बती मुद्दे के लिए आपका समर्थन सत्य, न्याय और स्वतंत्रता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को पुष्ट और प्रतिबिंबित करता है। हम तिब्बत के मुद्दे को आगे बढ़ाने में सांसदों के एक अधिक सहयोगी वैश्विक नेटवर्क के लिए आपका समर्थन और भागीदारी चाहते हैं।
–आईएएनएस
आरएचए/आरजेएस