निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों के परिजनों से सीधे दवा लेने के लिए कहने के बाद यह घटनाक्रम सामने आया। काला बाजार में दवा की कीमत 40,000 रुपये प्रति शीशी थी और इससे सरकार में नीति निर्माताओं के बीच पुनर्विचार हुआ, जिसके बाद सरकार ने सीधे निजी अस्पतालों को दवा की आपूर्ति करने का फैसला किया।
अब निजी अस्पतालों को मरीजों के परिजनों को बाजार से दवा खरीदने के लिए कहने की इजाजत नहीं है।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवा बेचने के लिए शुरू किए गए पोर्टल पर कुल 343 निजी अस्पतालों ने पंजीकरण कराया है, जिनमें से 51 अस्पतालों ने आवश्यक दस्तावेज जमा करके रेमडेसिविर दवा के लिए पंजीकरण कराया है। (मरीजों के मेडिकल रिकॉर्ड और आईडी प्रूफ)।
तमिलनाडु के स्वास्थ्य विभाग ने एक बयान में कहा कि सत्यापन के बाद इन अस्पतालों का एक प्रतिनिधि चेन्नई, मदुरै, कोयंबटूर, सेलम, त्रिची और तिरुनेलवेली में स्थापित तमिलनाडु चिकित्सा सेवा निगम (टीएनएमएससी) काउंटरों से दवा ले सकता है।
–आईएएनएस
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