मछली पकड़ने के बंदरगाह वाले अधिकारियों ने कहा कि अधिकांश मछली पकड़ने वाली नौकाओं को रखरखाव और मरम्मत की आवश्यकता होती है, इसलिए ये समुद्र में नहीं जा सकती हैं। अधिकारियों ने कहा कि अधिकांश नावें रखरखाव का काम पूरा कर लेंगी और एक पखवाड़े में समुद्र में चली जाएंगी।
मछली पकड़ने के बंदरगाह और मछुआरों के सामने एक और मुद्दा यह है कि रखरखाव के लिए पैसे नहीं हैं क्योंकि ज्यादातर मछुआरे तालाबंदी शुरू होने के बाद से काम नहीं कर रहे हैं।
कासिमेदु बाजार में आने वाले अधिकांश मछुआरे आंध्र प्रदेश और ओडिशा के हैं और इनमें से बड़ी संख्या में मछुआरे लॉकडाउन और नौकरियों की कमी के बाद अपने गृह राज्यों के लिए रवाना हो गए हैं।
वर्तमान में कासिमेदु बाजार के थोक मछली स्टॉल काम कर रहे हैं । लॉकडाउन हटने के साथ खुदरा बाजार भी खोला जाएगा क्योंकि मछुआरा समुदाय जल्द ही खुदरा बाजार खोलने पर सरकार की घोषणा की उम्मीद कर रहा है।
एक बहुराष्ट्रीय कंपनी के सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश थॉमस ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, हम कासिमेदु बाजार में नियमित जाते थे, जहां चेन्नई की अधिकांश आबादी मछली खरीदने जाती थी। हालांकि, बाजार बंद था और मछली दुर्लभ थी और अब हम चीजों की एक सप्ताह के समय में सामान्य होने की उम्मीद करते हैं।
एक बार समुद्र में मछली पकड़ने वाली नौकाओं के उपक्रमों की संख्या बढ़ने पर बाजार में हलचल मच जाएगी और अगर कोई नाव गहरे समुद्र में चली जाती है, तो वह एक सप्ताह से अधिक समय में वापस आ जाएगी और उसके बाद ही बाजार सामान्य होने की उम्मीद है।
–आईएएनएस
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