तमिलनाडु में पेश हुआ लोकलुभावन और घाटे वाला बजट

चेन्नई, 13 अगस्त (आईएएनएस)। तमिलनाडु के वित्त मंत्री पलानीवेल थियागा राजन ने शुक्रवार को एक अपेक्षाकृत लोकलुभावन बजट पेश किया, जिसमें पेट्रोल पर करों को कम करना, स्वयं सहायता समूहों को सहकारी ऋण की छूट और कर माफी योजना शामिल है।

राजन ने 100 करोड़ रुपये के खर्च से शहरी वेतन रोजगार योजना लागू करने के सरकार के फैसले की भी घोषणा की।

द्रमुक अपने अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन के नेतृत्व में लगभग 500 चुनावी वादे करके सत्ता में आई और विपक्षी दल इन वादों को लागू करने के लिए आवाज उठा रहे हैं।

राज्य के वित्त मंत्री के रूप में अपना पहला बजट पेश करते हुए, राजन ने विधायक निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना को चालू वर्ष से प्रति निर्वाचन क्षेत्र 3 करोड़ रुपये की बहाली की भी घोषणा की।

ईंधन की कीमतों में कटौती पर राजन ने कहा कि सरकार ने पेट्रोल पर कर की प्रभावी दर में 3 रुपये प्रति लीटर की कटौती करने का फैसला किया है और इससे राज्य में मेहनतकश वर्ग के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

उन्होंने कहा कि इस उपाय से सालाना 1,160 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा।

उनके अनुसार, सरकार स्वयं सहायता समूहों से सहकारी ऋण समितियों के 2,756 करोड़ रुपये के ऋण को माफ करेगी और इस उद्देश्य के लिए बजट में 600 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है।

उन्होंने शहरी गरीबों को पार्क, खेल के मैदान, भीषण पानी के लिए नालियों, सड़कों, भवनों और जल निकायों की कायाकल्प जैसी सार्वजनिक संपत्तियों के निर्माण और रखरखाव में जोड़कर, शहरी गरीबों को लाभकारी रोजगार प्रदान करने के लिए, एक शहरी मजदूरी रोजगार योजना के कार्यान्वयन की भी घोषणा की है।

इस योजना के लिए बजट में 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।

तमिलनाडु मूल्य वर्धित कर और अन्य विरासत कानूनों के तहत 28,000 करोड़ रुपये के बकाया कर को इकट्ठा करने के लिए, राजन ने कहा कि सरकार एक प्रभावी समाधान योजना के साथ कर बकाया को खत्म करेगी।

वित्त मंत्री ने सभी सार्वजनिक उपयोगिताओं के लिए स्मार्ट मीटरिंग के लिए एक बड़ी पहल के लिए सरकार के फैसले की भी घोषणा की।

राजन ने कहा कि वित्त वर्ष 2022 के लिए कुल राजस्व प्राप्ति का अनुमान 2,02,495.89 करोड़ रुपये और राजस्व खर्च 2,61,188.57 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जिसके परिणामस्वरूप राजस्व घाटा 58,692.68 करोड़ रुपये है।

उन्होंने कहा कि राजस्व घाटे में यह बढ़ोत्तरी असाधारण समय के कारण हुई है और आने वाले वर्षों में राजकोषीय शुद्धता और समेकन के लिए इस सरकार की प्रतिबद्धता से कम से कम कम नहीं होती है, इसलिए श्वेत पत्र में संकेत दिया गया है।

कुल पूंजी खर्च 42,180.97 करोड़ रुपये तय किया गया है।

इस आधार पर वित्त वर्ष 2021-22 के लिए राजकोषीय घाटा 92,529.43 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

–आईएएनएस

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