तमिलनाडु: मतदान के बाद नफा-नुकसान में जुटी पार्टियां

चेन्नई, 7 अप्रैल (आईएएनएस)। तमिलनाडु ूमें मतदान होने के बाद तमाम राजनीतिक पार्टियां, विशेष रूप से द्रविड़ वोटरों पर अपनी पकड़ रखने वाली पार्टियां चुनाव नतीजों के मद्देनजर नफा-नुकसान का आकलन लेने के मोड में हैं।

पार्टियों ने यह तय करने की कोशिश शुरू कर दी है कि 6 अप्रैल को होने वाले 71 प्रतिशत मतदान से किसे फायदा होगा। जबकि 2011 और 2016 में अन्नाद्रमुक के नेतृत्व वाले मोर्चे को काफी लाभ हुआ था, हांलाकि, द्रमुक नेतृत्व ने इसे खारिज कर दिया था और उनकी राय थी कि वो आसानी से बहुमत हासिल कर लेगा।

जबकि लगभग सभी राष्ट्रीय स्तर के जनमत सर्वेक्षणों ने डीएमके के मोर्चे के लिए लैंडस्लाड जीत की भविष्यवाणी की है, लेकिन कई राजनीतिक पर्यवेक्षक और चुनाव विश्लेषक मानते हैं कि डीएमके को जीत तो मिल सकती है लेकिन लेकिन भारी बहुमत के साथ नहीं।

डीएमके नेता दुरिमुरुगन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, यह पूरी तरह से डीएमके के पक्ष में होगा। एक राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में जो पूरे तमिलनाडु में जमीनी स्तर पर जुड़ा रहा है, मैं आसानी से डीएमके के पक्ष में लहर को महसूस कर सकता हूं। हमें जोरदार तरीके से जीत हासिल होगी। हमें भारी बहुमत मिलेगा और परिणाम हमारे विरोधियों को आश्चर्यचकित करेंगे।

हालांकि राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कुछ अलग ही मानना है। चेन्नई स्थित एक थिंक टैंक माने जाने वाले सेंटर फॉर पॉलिसी एंड डेवलपमेंट स्टडीज के. सी.राजीव ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, यह एक करीबी लड़ाई है। सतही स्तर पर हम द्रमुक के पक्ष में एक लहर पा सकते हैं। मुझे लगता है कि यह शहरी केंद्रों तक ही सीमित है, और ग्रामीण तमिलनाडु को अभी भी एआईएडीएमके पसंद है।

कोविड के तमाम खतरों के बीच तमिलनाडु के 6.29 करोड़ पात्र मतदाताओं में से, 4.51 करोड़ ने अपने वोट डाले थे।

हालांकि 2 मई को स्पष्ट परिणाम प्राप्त करने के लिए एक लंबा इंतजार करना पड़ रहा है, पार्टियां प्रत्येक बूथ से रिपोर्ट ले रही हैं और परिणामों को प्राप्त करने की कोशिश कर रही हैं।

–आईएएनएस

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