डोलने लगा महापौर का आसन; राहुल जाधव का इस्तीफा मंजूर

पिम्परी। पुणे समाचार ऑनलाइन

स्थायी समिति अध्यक्ष के चुनाव के दौरान सत्ताधारी भाजपा में मचा घमासान छोटे से ‘ब्रेक’ के बाद अब पुनः उफान पर आने के आसार नजर आ रहे हैं। अध्यक्ष पद से मौका चुकने के बाद नाराज राहुल जाधव ने स्थायी समिति सदस्य पद से इस्तीफा दिया है, जिसे सोमवार को मंजूर कर लिया गया है। स्थायी समिति की रिक्त इस सीट पर 20 अप्रैल की सर्व साधारण सभा में नए सदस्य की नियुक्ति होगी। जाधव का इस्तीफा मंजूर किये जाने से महापौर नितिन कालजे का आसन डोलने लगा है। क्योंकि जाधव का इस्तीफा महापौर की दिशा में बढ़ाया गया एक कदम ही है, यह कयास सियासी गलियारे में लगाये जा रहे हैं।

विधायक व भाजपा शहराध्यक्ष लक्ष्मण जगताप ने अपनी समर्थक ममता गायकवाड़ को मौका देकर स्थायी समिति अध्यक्ष पद लगातार दूसरे साल अपने कब्जे में रखने में सफलता पायी। विधायक महेश लांडगे गुट के राहुल जाधव को मौका न मिलने से भाजपा में सियासी घमासान छिड़ गया। लांडगे गुट के नगरसेवकों व पदाधिकारियों का इस्तीफों का दौर चला जोकि एक ड्रामा साबित हुआ और स्थायी समिति अध्यक्ष पद का चुनाव निर्विघ्न संपन्न हुआ। भाजपा में मचे सियासी घमासान शांत करने के लिहाज से पार्टी के शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप और भोसरी के विधायक महेश लांडगे के बीच एक ‘डील’ हुई, जिसमें स्थायी समिति अध्यक्ष पद जगताप के चिंचवड़ निर्वाचन क्षेत्र में जाने के बाद महापौर पद लांडगे के भोसरी निर्वाचन क्षेत्र में ही कायम रखना तय हुआ। इस कड़ी में राहुल जाधव ने स्थायी समिति सदस्य पद से अपना इस्तीफा महापौर नितिन कालजे को सौंप दिया, जिसे आज मंजूर कर लिया गया।

सभागृह नेता एकनाथ पवार ने इस खबर की पुष्टि भी की है। जाधव का इस्तीफा महापौर पद की दिशा में उठाया गया पहला कदम माना जा रहा है। विधायक महेश लांडगे उनकी नाराजगी दूर के साथ ही उनके निर्वाचन क्षेत्र में निर्णायक साबित माली (ओबीसी) समाज की नाराजगी दूर करने की कोशिशों में हैं। ओबीसी संगठनों ने भाजपा विधायक लक्ष्मण जगताप और महेश लांडगे दोनों को एक पत्र सौंप कर ओबीसी आरक्षित महापौर सीट पर मूल ओबीसी प्रवर्ग के नगरसेवकों को मौका देने की पुरजोर मांग की थी। इसके बावजूद कुनबी मराठा प्रवर्ग के नितिन कालजे को मौका दिया गया। इससे ओबीसी समाज व संगठनों में नाराजगी व्याप्त है। चूंकि महापौर पद भोसरी निर्वाचन क्षेत्र और विधायक लांडगे गुट को ही मिलना लगभग तय है, अतः राहुल जाधव को महापौर पद पर मौका देकर उनके साथ साथ ओबीसी समाज की नाराजगी दूर करने की कोशिशों में विधायक लांडगे जुटे हैं। अब जब राहुल जाधव का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया है तब महापौर नितिन कालजे की कुर्सी हिलने लगी है।