डॉ. डी वाय पाटिल कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय परिषद सम्पन्न

पुणे समाचार

अजिंक्य डी. वाय. पाटील विद्यापीठ, डॉ.डी.वाय.पाटील स्कुल ऑफ मॅनेजमेंट, डी. वाय. पाटील स्कूल ऑफ एम.सी .ए. और सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ का संयुक्त अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन  “कंटेम्पररी  कॉर्पोरेट  स्ट्रेटेजीज : ग्लोबल  पर्सपेक्टिव्स विषय पर आयोजित किया गया। इस सम्मेलन  का  उदघाटन  डॉ. भीमाराय मेत्री  डायरेक्टर, आईआईएम, तिरुचिल्लापल्ली, परिषद के अध्यक्ष अजिंक्य डी वाय पाटील विद्यापीठ के कुलगुरू डॉ. एकनाथ खेडकर, कनाडा के प्रो. डॉ कृष्णन लाल, श्री लंका के डॉ. असोका जिनदासा, मलेशिया के डॉ. जॉन. अंटोनी ज़ेवियर के द्वारा किया गया। अजिंक्य डी वाय पाटील विद्यापीठ के कुलगुरू डॉ. एकनाथ खेडकर ने सभीका स्वागत किया और उनका धन्यवाद व्यक्त किया।

इस कार्यक्रम में अनेक देश के प्रसिद्ध वक्ता जैसे की मॉरिशस की अनीता रामगट्टी वोंग, मिस अरोषा जेनिफर मेरी (जयसुंदरा), डॉ. बी. निमालथासँ, बांग्लादेश से प्रोफ. डॉ. सैफुल  मजीद , तमिलनाडु डॉ. एन.  पंचनाथन, नागपुर से डॉ श्याम शुक्ला जैसे उच्च दर्ज के  व्याख्याता व प्रमुख अतिथि उपस्थित रहे। कुलगुरु श्री एकनाथ खेडकर ने वेलकम स्पीच मे बताया की ग्लोबल स्ट्रेटेजी और उसका भविष्य का निर्धारण सार्क देशो की उन्नति और उनके नेतृत्व पर निर्भर करता है। आवश्यक सुविधाओं का प्रयोजन होना चाहिए। गरीबो की उन्नति के लिए उन्होंने कॉर्पोरेट को सुझाव दिया की उन्हें समान अवसर  दिया जाये  और  उन्हें शिक्षा के द्वारा सशक्त किया जाये। प्रो. डॉ कृष्णन लाल ने कैनेडियन / U.S.A अर्थशास्त्र, और भारतीय अर्थशास्त्र को जोड़ते हुए अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने अपनी पुस्तक “ The Future of India : Politics, Economis and Governance” का जिक्र किया और ‘नज थ्योरी’ के बारे मे बताया। प्रो. डॉ. भीमारायमेट्री ने डिसरप्टिव स्ट्रेटेजी और भारतीय नेताओ का ग्लोबल स्ट्रेटेजी मे योगदान पर जोर दिया।

उन्होंने ब्रेन ड्रेन के बारे मे बताते हुए कहा की डेवलपिंग देशो के लिए ये आज का सबसे महत्पूर्ण विषय है। उन्होंने नयी  तकनीक  के दो प्रकार बताये सस्टेनिंग एंड डिसरप्टिव और उस पर विस्तार मे चर्चा की।
सत्र २ में कोलंबो की मिस अरोषा जेनिफर मेरी ने लीन मैनेजमेंट पे अपने विचार व्यक्त किये और साथ ही साथ दुनिया की प्रभावशाली कम्पनीज जैसे गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक इत्यादि क बारे में चर्चा की उन्होंने इंडस्ट्रीज के पतन के कारण भी बताये. उन्होंने ३ डि की उपयोगिता क बारे में अपने विचार रखे।

प्रो. डॉ. ऐ. के. एम्. सैफुल मज्जिद सर ने अपने विचार इनोवेशन और उनसे होने वाले प्रभाव के बारे बताया।
डॉ. सचिन वेर्नेकर ने दो मूल सिद्धांतो पर प्रकाश डाला जिनसे संस्था का विकास होता है, साथ ही उन्होंने बताया की परिवर्तन ही विकास की मूल कुंजी है. इंडिगो का उदाहरण देते हुए उन्होंने अपने दोनों सिधान्तो पर जोर डाला।
जाफना श्रीलंका के डॉ. बी. निमलाथासन ने बताया की हमे उद्योगों के विकास के लिए विचारो में नयापन लाने  की जरुरत है. बुद्धिमत्ता और नयी कल्पना के मेल से उद्योगों का विकास होगा, और उन्होंने उद्योग क्षेत्र के विकास के लिए ‘चार सी’ का महत्व बताया सी – कमिटमेंट, सी – को-ऑपरेशन ,सी- कोऑरडीनेशन, सी- कॉलबॉरेशन।

तमिलनाडु के डॉ. ऍन. पंचनथान ने कहा की  प्रत्येक उद्योग मानव संसाधन पर ही आधारित है और उद्योग क्षेत्र को और मजबूत  करने की आवश्यकता है तथा यशस्वी नेतृत्व  के लिए १५७३ गुड़ मनुष्य में होना चाहिए मनुष्य के जीवन में टीका टिपण्णी की भी आवश्यकता है और भावात्मक संतूलन बनाये रखने की जरुरत है।
डॉ. अशोक मथानी ने बताया की कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए पानी की बचत, मिट्टी की गुणवत्ता तथा जिओटेगिंग और जीपीएस की प्रणाली का उपयोग किया जा सकता है। आय. सी. एम्. आर. के संचालक डॉ. अभय कुलकर्णी अपने भाषण में बताया की उद्योग क्षेत्र में नयी पद्धतियों, दूरदृष्टि, ध्येय, कार्यान्वयन जैसे सूत्रों का उपयोग कर विकास किया जा सकता है।

इस सम्मलेन के वालेडिक्टरी में डॉ. डब्लू. के. सरवदे, प्रो. वाईस-चांसलर, डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर मराठवाडा यूनिवर्सिटी, औरंगाबाद ने जीएसटी, मेक इन इंडिया ,फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट पर बात की  और जीएसटी के स्लैब्स से सबको अवगत कराया। महाराष्ट्र सरकार ने 17 करारनामे जारी करके फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट के रास्तो को आसान कर दिया। कार्यक्रम के अंत में शोधकर्ताओं ने रिसर्च पेपर प्रस्तुत किये जिसका सञ्चालन डा प्रीती कुलकर्णी ने किया।