डी.एस. कुलकर्णी और उनकी पत्नी को 23 फरवरी तक सुनायी पुलिस कस्टडी

पुणे – डी.एस कुलकर्णी को दिल्ली से गिरफ्तार करने के बाद आज पुणे के शिवाजीनगर कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने डी.एस. कुलकर्णी और उनकी पत्नी को 23 फरवरी तक पुलिस कस्टडी सुनायी है. डीएसके को आज कोर्ट में पेश किए जाने की खबर पूरे कोर्ट परिसर में आग की तरह फैल चुकी थी. पुलिस ने कड़ी सुरक्षा बंदोबस्त के साथ डीएसके को शनिवार की शाम 6.30 बजे के करीब कोर्ट में पेश किया था. कोर्ट में पेश करने से पहले डीएसके और उनकी पत्नी की ससून हॉस्पिटल में मेडिकल जांच की गई थी.

कोर्ट ने 23 फरवरी तक पुलिस कस्टडी सुनायी है, इस केस को सुनने के लिए काफी भीड़ जमा हुई थी. कोर्ट में अंदर आने के बाद डीएसके काफी भावुक हो चुके थे. कटघरे में बैठने के बाद डीएसके के खिलाफ सरकारी वकील प्रवीण चव्हाण ने 10 दिन की पुलिस कस्टडी की मांग की थी, उन्होंने कोर्ट में दलील पेश की थी डीएसके द्वारा किया गया अपराध हत्या से भी बढ़कर है, हत्या में एक ही व्यक्ति की जान जाती है, लेकिन डीएसके की वजह से हजारों घर तबाह  हुए हैं, डीएसके ने बहुत लोगों को घर दिलाने के लिए काफी पैसे ऐंठे और अबतक घर ही नहीं दिया है. साथ ही काफी लोगों की  रिटायरमेंट के बाद मिली जमा पूंजी को भी डिपॉजिट के नाम पर जमा करवाया गया और लोगों की रकम लौटाए बिना सारे पैसा हड़प किया है. बैंकों से 6 बिजनेस के लिए कर्ज लिया था, वह बिजनेस अस्तित्व में है या नहीं इसकी जांच होनी चाहिए.

जमाकर्ताओं से धोखाधड़ी के मामले में प्रसिद्ध बिल्डर डी.एस.कुलकर्णी और उनकी पत्नी हेमंत को आर्थिक अपराध शाखा की टीम ने शनिवार की सुबह दिल्ली से एक होटल से गिरफ्तार किया. कुलकर्णी दंपति को गिरफ्तार करने के बाद तुरंत पुलिस की टीम ने विमान से पुणे के लिए रवाना हुई थी. शाम 6.30 बजे के करीब दंपति को कोर्ट में पेश किया गया. विशेष न्यायाधीश जे.टी. उत्पात ने कुलकर्णी दंपति को 23 फरवरी तक पुलिस कस्टडी में रखने का आदेश दिया है.

गिरफ्तार की बाद शाम 6.30 बजे के करीब सहायक पुलिस आयुक्त निलेश मोरे ने डीएसके और उनकी पत्नी को शिवाजीनगर कोर्ट में विशेष न्यायाधीश जे.टी.उत्पात की अदालत में पेश किया था. विशेष सरकारी वकील प्रवीण चव्हाण ने कुलकर्णी दंपति द्वारा किए गए अपराध को काफी संघिन्न बताया. पहले घर बुक करें, बाद में हफ्ते भरें, ऐसी योजना की घोषणा की थी. इस योजना में बहुत लोगों ने पैसा निवेश किया था. लेकिन कुलकर्णी ने पैसा लेकर अबतक घर नहीं दिया है. जिसकी वजह से बहुत लोगों की आर्थिक हालत काफी खराब हो गई है. सीनियर सिटीजन को ज्यादा ब्याज का लालच देकर उनकी जमा पूंजी अपने पास जमा करवायी थी, जो रकम अबतक कुलकर्णी ने वापस ही नहीं की है. ऐसा सरकारी वकील प्रवीण चव्हाण ने कोर्ट के सामने अपनी दलील पेश की.

कुलकर्णी ने अलग अलग नाम से कंपनी शुरू की, इन कंपनियों के लिए बैंकों से करोड़ों रूपयों का कर्ज लिया. 1000 करोड़ से ज्यादा का कर्ज बैंकों से लिया गया. साझेदारी में शुरू की गई 7 कंपनियों का पैसा अपने व्यक्तिगत फायदा के लिए एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में ट्रांसफर किया गया. उसके बाद यह पैसा उन्हें अपने परिवारजनों के खातों में ट्रासंफर किया. कुलकर्णी द्वारा शुरू किए गए योजनाओं का रिजर्व बैंक की अनुमति भी नहीं थी. कुलकर्णी ने अलग अलग योजनाओं का लालच देकर नागरिकों के साथ काफी बड़ी धोखाधड़ी की है. इतना ही नहीं तो बहुत से लोगों के घर उजाड़े और उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाया है. इसलिए यह अपराध काफी संघिन्न है. कुलकर्णी को बड़े पैमाने पर कर्ज देनेवाली बैंकों के अधिकारियों की की जांच करनी है, क्योंकि बैंक में आम नागरिकों के पैसे जमा होते हैं. कुलकर्णी द्वारा किया गया आर्थिक व्यवहार, कंपनी के रजिस्ट्रशन कागजातों की जांच करनी है. इसलिए कुलकर्णी को 10 दिन की पुलिस कस्टडी की मांग सरकारी वकील चव्हाण ने की.

कुलकर्णी दंपति के वकील श्रीकांत शिवदे ने कोर्ट के सामने अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि कुलकर्णी दंपति पुलिस को पूरी तरह से सहयोग करने को तैयार है, अगर वे जेल जाते हैं, तो लोगों के पैसे नहीं चुका पाएगें, कुलकर्णी बुजुर्ग हैं, उनकी तबीयत उम्र के हिसाब से बिगड़ती रहती है. इसलिए उन्हें दस दिन की पुलिस कस्टडी के बदले 7 दिन की पुलिस कस्टडी प्रदान करें. साथ ही वकील ने न्यायाधीश के सामने यह भी दलील दी कि पुणे शहर के किसी भी पुलिस स्टेशन में महिला लॉकअप की सुविधा नहीं है, साथ ही वहां बाथरूम की सुविधा भी नहीं है. पुलिस स्टेशन की हालत काफी खराब है, इसलिए कुलकर्णी दंपति को रोज दिन में तीन बार एक घंटा बाहर जाने के लिए मंजूरी दी जाए. इस पर कोर्ट ने कुलकर्णी दंपति के वकील को हिदायत दी कि जैसे हालत हैं, वैसे हालत में दंपति को रहना पड़ेगा. साथ ही कोर्ट ने कुलकर्णी को कस्टडी में मेडिकल सुविधा और वकीलों से मिलने देने की सुविधा उपलब्ध कराने की सूचना दी है.

डी.एस. कुलकर्णी ने जमाकर्ताओं की रकम वापस करने के लिए बार बार हाई कोर्ट से समय मांगा था, कुलकर्णी के खिलाफ पिछले साल 17 अक्टूबर को शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था. इसलिए पिछले कुछ महीनों से उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण मिल रहा था. आखिरकार हाईकोर्ट ने कुलकर्णी से गिरफ्तारी से पहले जमानत का संरक्षण शुक्रवार को निकाल लिया था और पुलिस को डी.एस. कुलकर्णी को गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे. उसके बाद से पुणे पुलिस में कुलकर्णी को गिरफ्तार करने के लिए हलचल मच गई थी. कुलकर्णी को गिरफ्तार करने के लिए चार टीम तैयार की गई थी, शनिवार की सुबह दिल्ली में वसंत कुंज से डीएसके और उनकी पत्नी को गिरफ्तार किया गया. ऐसी जानकारी पुलिस उपायुक्त पंकज डहाणे ने दी.