डिजिटलाइजेशन से दलालों को बाहर फेंकना हुआ संभव

मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस का दावा
पुणे: समाज में 80 फीसदी लोग सज्जन हैं, दुर्जनों का प्रमाण मात्र 20 फीसदी है। सरकार सज्जनों को संगठित कर सकारात्मक विचार करनेवाली शक्ति के साथ है। पहले की सरकार में जनकल्याणकारी योजनाओं के केवल आदेश जारी होते थे, सरकारी यंत्रणा में रहे दलालों के कारण उनका लाभ सही लाभार्थी तक नहीं पहुंच पाता था। हांलाकि अब डिजिटलाइजेशन के जरिए सरकारी यंत्रणा से दलालों को निकाल बाहर फेंकना संभव हो सका है। अब पूरी यंत्रणा पारदर्शी बन गई है, यह दावा मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने बुधवार को पुणे में आयोजित एक समारोह में किया।

सरकार की विविध कल्याणकारी योजनाओं को समाज के आखिरी छोर तक पहुंचाने और जरुरतमंदों तक उसका लाभ पहुंचाने के लिहाज से अनुलोम (अनुगामी लोकराज्य महाभियान) के द्वारा विकास सम्मेलन का आयोजन किया गया था। स्वारगेट स्थित गणेश कला क्रीडा मंच में आयोजित इस सम्मेलन का उद्घाटन आज मुख्यमंत्री फड़णवीस के हाथों किया गया। इस मौके पर पुणे की महापौर मुक्ता तिलक, पिंपरी चिंचवड़ के महापौर नितीन कालजे, अंतरराष्ट्रीय जल विशेषज्ञ डॉ़ राजेंद्र सिंह, समाज कल्याण राज्यमंत्री दिलीप कांबले, विभागीय आयुक्त चंद्रकांत दलवी आदि उपस्थित थे।

अनुलोम सरकारी योजनाओं को मोबाईल ऐप के जरिए आमजनों तक पहुंचाने हेतु कार्यरत है। इस संस्था से विविध आठ लाख संस्था व संगठन जुड़े हुए हैं। संस्था के कामों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने आगे कहा, पहले की सरकार की योजनाओं में जन सहभाग खोजने से भी नजर नहीं आता था। हर कोई सरकारी यंत्रणा में सक्रिय दलालों से आतंकित थे, जो सरकार की योजनाओं को पूरी तरह से डकार जाते थे। इसी वजह से समाज की सज्ज शक्ति निष्क्रिय बन कर बैठी रही। यह सब ऐसे ही चलेगा, इसे कोई बदल नहीं सकता, कुछ यह धारणा बन गई थी, मगर हमारी सरकार ने इसमें बदलाव लाने की शुरुवात कर दी है। डिजिटदलाइजेशन के कारण सरकारी योजनाओं व यंत्रणा से दलाल बाहर फेंक दिए गए।

सज्जन और सकारात्मक विचार करनेवाली शक्ति को दलालों का जो भय सताता रहा वह अब दूर हो गया है। अब इस सज्जन व सकारात्मक शक्ति को संगठित करने का काम सरकार द्वारा किया जा रहा है। सकारात्मकता ने हमेशा से निराशा को दूर भगाने का काम किया है, इस शक्ति के साथ सरकार मजबूती से खड़ी रहेगी, यह विश्वास भी उन्होंने दिलाया। इस सम्मेलन में सामाजिक संस्था, संगठन, युवा मंडल, बचत गुटों की एक कार्यशाला संपन्न हुई, जिसमें दो हजार संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए। इसके साथ ही यहां पर सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देनेवाले विविध विभागों के स्टॉल लगाए गए थे। प्राइड आॅफ पुणे के नाम से स्मार्ट सिटी, मेट्रो रेल योजना के विशेष स्टॉल भी इसमें शामिल थे।