डब्ल्यूएचओ ने प्रभाव संबंधी चिंताओं के बीच एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की सिफारिश की

जेनेवा, 11 फरवरी (आईएएनएस)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दक्षिण अफ्रीका में पाए गए कोविड-19 वेरिएंट के खिलाफ प्रभावकारिता पर चिंता के बीच ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन के इस्तेमाल की सिफारिश की है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ स्ट्रेटेजिक एडवाइजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट्स ऑन इम्यूनाइजेशन (सेज) पैनल ने बुधवार को कहा कि दो खुराक वाले एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की प्रभावकारिता का स्तर अधिक था जब खुराक के बीच अंतराल चार से 12 सप्ताह के भीतर का था।

इसने यह भी कहा कि यद्यपि दक्षिण अफ्रीका में एक छोटे नमूने के आकार पर आधारित प्रारंभिक विश्लेषणों में कोरोना के हल्के और मध्यम रोग के खिलाफ टीके की प्रभावशीलता में कमी का संकेत मिलता है, इसने गंभीर कोविड-19 के खिलाफ टीके की प्रभावकारिता के एक विशिष्ट मूल्यांकन की अनुमति नहीं दी।

चूंकि अप्रत्यक्ष साक्ष्य गंभीर कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षा के साथ संगत है, इसलिए चल रहे ट्रायल और क्रियान्वयन के बाद के मूल्यांकन में स्थिति दिखती है।

इसे देखते हुए, डब्ल्यूएचओ वर्तमान में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के उपयोग की सिफारिश करता है, भले ही वेरिएंट किसी देश में मौजूद हो।

देशों को स्थानीय महामारी विज्ञान की स्थिति के अनुसार एक लाभ-जोखिम मूल्यांकन करना चाहिए, जिसमें वायरस के प्रसार की सीमा भी शामिल है।

सेज के चेयरमैन एलेजेंड्रो क्रेविओटो ने बुधवार को ब्रीफिंग के दौरान कहा, हमने एक सिफारिश की है कि भले ही इस वैक्सीन की सुरक्षा क्षमता में पूर्ण प्रभाव होने की संभावना में कमी हो, विशेष रूप से गंभीर बीमारी के खिलाफ, तो भी ऐसा कोई कारण नहीं है कि इसके इस्तेमाल की सिफारिश उन देशों में भी नहीं की जा सकती है, जहां वेरिएंट हैं।

दक्षिण अफ्रीका ने हाल ही में कहा कि देश में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के रोलआउट को अस्थायी रूप से तब तक रोक कर रखा जाएगा जब तक कि नए कोविड-19 वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन की क्लीनिकल प्रभावकारिता संबधी जानकारी उपलब्ध नहीं हो जाती।

यह निर्णय एक अध्ययन के बाद आया है जिसमें कहा गया कि दक्षिण अफ्रीका में मिले नए वेरिएंट के खिलाफ एस्ट्राजेनेका टीका कम प्रभावी है।

–आईएएनएस

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