ट्रेन में चोरी पर रेलवे को देना पड़ा इतने लाख का मुआवजा

ठाणे: ट्रेनों में चोरी की वारदातें आम हैं, अक्सर ऐसी घटनाओं के पीड़ित महज शिकायत लिखवाकर किस्मत के भरोसे सबकुछ छोड़ देते हैं। लेकिन यदि सही ढंग से फॉलोअप लिया जाए, तो हमारे नुकसान की भरपाई हो सकती है। ठाणे की एक उपभोक्ता अदालत ने कोंकण रेलवे कॉरपोरेशन से एक यात्री को 1.65 लाख रुपया मुआवजा देने का आदेश दिया है। यात्री को यह मुआवजा ट्रेन यात्रा के दौरान सामान चोरी होने के लिए दिया जाएगा। ठाणे के अतिरिक्त जिला उपभोक्ता निवारण मंच के अध्यक्ष ए. जेड. तेलगोटे और सदस्य त्र्यंबक ए.थूल ने माना कि यात्रा के दौरान यात्री को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराना रेलवे का दायित्व है।

चेन खींची और लूटा
उल्लासनगर निवासी शिकायतकर्ता विनोद नाईक ने 14 मई 2015 को शिकायत लिखवाई थी कि वह कोचुवेली- मुंबई लोकमान्य तिलक टर्मिनल एक्सप्रेस से अपनी पत्नी और चार साल की बेटी के साथ यात्रा कर रहे थे। देर रात करीब दो बज कर 20 मिनट पर किसी ने ट्रेन की चेन खींची जिसके कारण ट्रेन कोलाद और मंगाव स्टेशनों के बीच 20 से 25 मिनट के बीच रुकी रही। इस दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने उसकी पत्नी के सोने के जेवरात के अलावा मोबाइल फोन और नकदी लूट लिया। जिसकी कुल कीमत 2.9 लाख रुपए थी।

देर हुई तो…
कोंकण रेलवे निगम ने शिकायतकर्ता को हुये नुकसान के लिए एक लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया। इसके अलावा मानसिक पीड़ा के लिए 50,000 और मुकदमेबाजी में खर्च के लिए 15,000 रुपए भुगतान करने का भी कहा। फोरम ने आदेश दिया है कि यह भुगतान 45 दिन के भीतर किया जाए नहीं तो इस पर 12 प्रतिशत सालाना की दर से शुल्क देना पड़ेगा।