‘टर्मिनेटर : डार्क फेट’ में विज्ञान आधारित फिक्शन को कम दिखाया गया है : कैमरुन

लॉस एंजेलिस, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)| हॉलीवुड मुगल जेम्स कैमरुन का कहना है कि उनकी आगामी फिल्म ‘टर्मिनेटर : डार्क फेट’, जिसकी अब तक की फ्रेंचाइजी फिल्में आर्टिफिशियल सुपर-इंटेलिजेंस के साथ मनुष्यों के टकराव पर आधारित हैं, इस बार इसमें 1984 और 1991 के मुकाबले कम विज्ञान-आधारित फिक्शन को दिखाया गया है। कैमरुन के ‘टर्मिनेटर : डार्क फेट’ में एर्नोल्ड श्वार्जनेगर, टर्मिनेटर के तौर पर पुन: वापसी कर रहे हैं। वहीं लिंडा हैमिल्टन भी साराह कोन्नर के किरदार में दिखेंगी।

‘टर्मिनेटर : डार्क फेट’ इस फ्रेंचाइजी की छठी फिल्म है।

फिल्म के बारे में कैमरुन ने कहा, “इसमें भी बाकी फिल्मों की तरह एक ही इंटेंसिटी है और इसमें आतंक को खारिज करने की भावना है।”

उन्होंने आगे कहा, “यह फिल्म भी पहले आई अन्य फिल्मों की तरह आर्टिफिशियल सुपर-इंटेलिजेंस के साथ मनुष्यों के टकराव, खतरे से संबंधित है, लेकिन 1984 या 1991 में आई फिल्मों की तुलना में इसमें विज्ञान-फिक्शन काफी कम है।”

टिम मिलर द्वारा निर्देशित, ‘टर्मिनेटर: डार्क फेट’ भारत में 1 नवंबर को छह भाषाओं में रिलीज होगी। इसमें अंग्रेजी, हिंदी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम शामिल हैं।