झारखंड चुनाव : हिंसा के बीच 20 सीटों पर 61 फीसदी मतदान (लीड-3)

रांची, 7 दिसंबर (आईएएनएस)| झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 20 सीटों पर मतदान शनिवार को छिटपुट घटनाओं के बीच समाप्त हो गया। इस चरण में करीब 61 फीसदी मतदान दर्ज किया गया। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, दूसरे चरण में कुल 60.56 फीसदी मतदान हुआ। भरगोरा विधानसभा सीट पर 74.44 फीसदी के साथ सबसे ज्यादा मतदान हुआ। वहीं सबसे कम 46.65 फीसदी मतदान जमशेदपुर-पश्चिम में दर्ज किया गया। मुख्यमंत्री रघुवर दास की विधानसभा सीट जमशेदपुर-पूर्व में भी महज 49.12 फीसदी मतदान हुआ।

कुल 18 विधानसभा सीटों पर सुबह सात बजे शुरू हुआ मतदान दोपहर 3 बजे खत्म हुआ। इसके अलावा जमशेदपुर-पूर्व और जमशेदपुर-पश्चिम में मतदान शाम पांच बजे संपन्न हुआ।

एक 95 वर्षीय महिला कौशल्या देवी और 80 वर्षीय सुकुरमानी ने जमशेदपुर में अपना वोट डाला।

चुनावी हिंसा के दौरान पुलिस की गोलीबारी में एक युवक की मौत हो गई। इसके अलावा गुमला जिले के सिसई निर्वाचन क्षेत्र में तीन पुलिसकर्मियों सहित छह लोग घायल हो गए। गोलीबारी की घटना के बाद बूथ संख्या 36 पर मतदान रद्द कर दिया गया।

मतदान अधिकारी और सुरक्षाकर्मी हिंसा की घटना के बाद ईवीएम साथ लकर मतदान केंद्र से निकल गए।

चुनाव आयोग ने गुमला जिला प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

नक्सल गुरिल्लाओं ने पश्चिमी सिंहभूम जिले में मतदान में शामिल एक बस में आग लगा दी।

इस चरण में 20 विधानसभा सीटों के लिए कुल 260 उम्मीदवार हैं, जिनकी किस्मत का फैसला 48,25,038 मतदाताओं द्वारा किया गया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि दूसरे चरण के मतदान के लिए 40,000 से अधिक सुरक्षा बल तैनात किए गए थे, जिनकी तैनाती बड़े पैमाने पर नक्सवादी-प्रभावित क्षेत्रों में की गई थी।

20 सीटों में से 16 अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए और एक अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं।

इस चरण में जिन प्रमुख नेताओं की चुनावी किस्मत का फैसला हो रहा है, उनमें झारखंड विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव, शहरी विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, जल संसाधन मंत्री रामचंद्र सहिस, पूर्व कैबिनेट मंत्री सरयू राय और राज्य भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा शामिल हैं।

जेल में बंद नक्सली कमांडर कुंदन पाहन तमाड़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़े।

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार सुबह अपनी विधानसभा सीट जमशेदपुर-पूर्व में मतदान किया।

20 निर्वाचन क्षेत्रों में से कम से कम सात विधानसभा सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय रहा। बाकी सीटों पर भाजपा और कांग्रेस-झामुमो-राजद गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला था।