जेजीयू के कुलपति ने डब्ल्यूईएफ दाओस में अपने विचार रखे

दाओस, 22 जनवरी (आईएएनएस)| हरियाणा के सोनीपत स्थित ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) के कुलपति सी. राज कुमार ने 21 से 24 जनवरी के बीच स्विट्जरलैंड के दाओस में आयोजित वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) में इस वर्ष तीन अलग-अलग सत्रों में वैश्विक दर्शकों के सामने अपनी बात रखी। कुमार ने कहा, “भारतीय विश्वविद्यालय भारत में व्याप्त महत्वपूर्ण जनसांख्यिकीय स्थिति को देखते हुए स्थायी भविष्य को बढ़ावा देने के लिए एक वैश्विक उत्प्रेरक भूमिका निभा सकते हैं। भारत में 85 करोड़ से अधिक लोग 35 वर्ष से कम आयु के हैं और भारत की जीवन प्रत्याशा भी बढ़कर 71 साल हो गई है।”

डब्ल्यूईएफ सत्र में आयोजित कैस्पियन सप्ताह के रूप में कुमार ने दो पैनलों में अपनी बात रखी।

चर्चा के लिए पहले पैनल का विषय ‘एजुकेशन एंड लीडरशिप फॉर सस्टेनेबल वल्र्ड’ रहा। यह शैक्षिक नेतृत्व, स्थिरता, समावेशी विकास, संस्थागत सांस्कृतिक परिवर्तन आदि से संबंधित शिक्षा पर केंद्रित रहा।

वहीं चर्चा के लिए पहले पैनल का विषय ‘प्रमोशनल सस्टेनेबल फ्यूचर्स में वैश्विक विश्वविद्यालयों की भूमिका’ रही। इसमें चर्चा उन चुनौतियों पर केंद्रित रही, जो आज के समय में विश्वविद्यालयों के साथ बनी हुई हैं। इसमें बताया गया कि कैसे वैश्विक विश्वविद्यालय स्थायी विकास को आगे बढ़ाने में अपनी विशिष्ट भूमिका निभा सकते हैं।

कैस्पियन वीक पैनल चर्चाओं के अलावा कुमार को टोरंटो विश्वविद्यालय के सहयोग से टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) एक्सक्लूसिव दाओस ब्रेकफास्ट डिबेट में बोलने के लिए भी आमंत्रित किया गया। इसमें उनका विषय ‘स्थान की शक्ति क्या है?’ रहा। यह दाओस में ईटीएच ज्यूरिख पैवेलियन में बुधवार को आयोजित किया गया।

विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि कुमार भारतीय विश्वविद्यालयों में से एकमात्र ऐसे कुलपति हैं, जिन्हें दाओस में बोलने के लिए आमंत्रित किया गया है और इसके साथ ही जेजीयू भी देश का एकमात्र विश्वविद्यालय है, जिसे इस वैश्विक कार्यक्रम में शामिल किया गया है।

जेजीयू की ओर से कहा गया कि वह दाओस में उच्च शिक्षा और अनुसंधान में आपसी सहयोग के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिख (यूजेडएच), स्विट्जरलैंड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर करेगा।