जेएनयू में 3 फरवरी से शुरू हो सकती हैं कक्षाएं

नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)| जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) प्रशासन अब तीन फरवरी से कक्षाएं प्रारंभ करवाएगा। हालांकि, जेएनयू छात्रसंघ अभी भी विश्वविद्यालय के कुलपति एम. जगदीश कुमार का बहिष्कार और विरोध कर रहा है। छात्रसंघ का कहना है कि फीस वृद्धि वापस लिए बिना वे अपना आंदोलन वापस नहीं लेंगे। छात्रसंघ कुलपति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का विकल्प भी तलाश रहा है। विश्वविद्यालय में शुक्रवार को छात्रों और डीन के बीच बैठक हुई। इस बैठक में जनवरी माह में परीक्षाएं और तीन फरवरी से कक्षाएं प्रारंभ करने का फैसला किया गया। यह फैसला लाइफ साइंस के छात्रों ने अपने विभाग के डीन प्रोफेसर के.नटराज के साथ हुई बैठक में लिया। डीन और छात्रों के बीच आपसी सहमति से तय किया गया कि 22 जनवरी से एमएससी और 23 जनवरी से पीएचडी की परीक्षाएं कराई जाएंगी। परीक्षाओं के उपरांत तीन फरवरी से एमएससी की कक्षाएं प्रारंभ कर दी जाएंगी।

जेएनयू के छात्र निर्मल के मुताबिक, अधिकांश छात्र-छात्राएं मॉनसून सत्र की परीक्षाएं देने के इच्छुक हैं। छात्रों का कहना है कि पहले पिछले कोर्स की परीक्षाएं ली जानी चाहिए, उसके बाद ही नई कक्षाएं प्रारंभ की जाएं। परीक्षाओं को लेकर जेएनयू छात्रसंघ में भी सहमति है। हालांकि, छात्रसंघ का कहना है कि इसके लिए छात्रों को पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए।

जेएनयू में शीतकालीन सत्र के पंजीकरण का शुक्रवार अंतिम दिन था। जेएनयू प्रशासन ने तीसरी बार पंजीकरण की तिथि में विस्तार किया था। हालांकि, अब तक जिन छात्रों ने अपना पंजीकरण नहीं कराया है, वे 17 जनवरी के उपरांत लेट फीस भरकर शीतकालीन सत्र में शामिल हो सकते हैं।

जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष ने शीतकालीन सत्र के बहिष्कार का ऐलान किया है। आइशी घोष का कहना है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय जेएनयू के कुलपति को तुरंत बर्खास्त करें, फीस वृद्धि वापस ले और हॉस्टल के बढ़े हुए चार्जेस भी वापस लिए जाएं।

मानव संसाधन विकास सचिव अमित खरे ने छात्रों को इस सत्र में फीस न बढ़ाने का आश्वासन दिया है। खरे के अनुसार, फिलहाल बढ़ी हुई फीस के लिए यूजीसी अतिरिक्त फंड देगा।