जेएनयू में एससी/एसटी छात्रों के साथ भेदभाव नहीं होगा : पासवान

पटना, 18 जनवरी (आईएएनएस)| केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने शनिवार को कहा कि जेएनयू में एससी/एसटी छात्रों के साथ भेदभाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जेएनयू एडमिशन की सीटों में किसी तरह की कटौती नहीं की गई है और प्रस्तावित फीस वृद्धि भी रोक दी गई है। पासवान ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की केंद्र सरकार अनुसूचित जाति एवं जनजाति (एससी/एसटी) समुदाय के हितों की रक्षा के लिए कटिबद्ध है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के हितों को लेकर मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से बात की है और एचआरडी मंत्री ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि सभी मुद्दों को बातचीत से सुलझा लिया जाएगा।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदाय के संकाय सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर वंचित वर्ग के शिक्षकों एवं छात्रों से भेदभाव करने का शनिवार को आरोप लगाया और साथ ही केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से आग्रह किया कि वह यह मामला सरकार के समक्ष उठाएं।

संकाय सदस्यों के साथ मुलाकात करने के बाद पासवान ने ट्विटर के माध्यम से इस बाबत कहा, “जेएनयू में एससी/एसटी से संबंधित मुद्दों पर मेरी अभी मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक जी से वार्ता हुई है जिसमें उन्होंने बताया कि जेएनयू एडमिशन की सीटों में किसी तरह की कटौती नहीं की गई है और प्रस्तावित फीस वृद्धि भी रोक लगा दी गई है।”

उन्होंने आगे कहा, “जेएनयू के एससी/एसटी शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित मुद्दे पर भी बातचीत हुई है। उन्होंने (रमेश पोखरियाल निशंक) बताया है कि शीघ्र ही इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा। हमारी सरकार एससी/एसटी के हितों के लिए कटिबद्ध है।”

संकाय सदस्यों के साथ मुलाकात करने के बाद पासवान ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर हैं और इन पर गौर किया जाना चाहिए।

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री ने सोशल मीडिया पर कहा, “एससी/एसटी के हितों में कटौती की बात तो दूर रही बल्कि उनके हितों को बढ़ावा देने हेतु सरकार कृतसंकल्प है। मैं अभी पटना में हूं। दिल्ली जाकर शीघ्र ही मंगलवार या बुधवार को मानव संसाधन मंत्री जी से बात कर इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा।”