जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल दुनिया के शीर्ष 100 में 76वें नंबर पर

नई दिल्ली, 4 मार्च (आईएएनएस)। भारत का नंबर एक लॉ स्कूल जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जेजीएलएस) क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी विषयवार रैंकिंग (लॉ) 2021 में शीर्ष 100 में स्थान पाने वाला एकमात्र भारतीय लॉ स्कूल है। जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जेजीएलएस) को अब क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी विषयवार रैंकिंग (कानून) 2021 के अनुसार 76वें स्थान पर रखा गया है।

क्यूएस द्वारा विश्व स्तर पर माने जाने वाले 976 विश्वविद्यालयों में से 320 लॉ स्कूलों को रैंक दिया गया था। जेजीएलएस भारत से रैंक प्राप्त करने वाला एकमात्र लॉ स्कूल है।

जेजीएलएस को अब ब्रिस्टल विश्वविद्यालय, मैनचेस्टर विश्वविद्यालय और जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय सहित अत्यधिक प्रतिष्ठित लॉ स्कूलों के साथ स्थान दिया गया है।

जेजीएलएस को यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम, यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक, यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स, ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी, यॉर्क यूनिवर्सिटी, कार्डिफ यूनिवर्सिटी और यूके में एसओएएस सहित कुछ प्रमुख लॉ स्कूलों से ऊपर स्थान दिया गया है।

कुल मिलाकर, जेजीयू ने सामाजिक विज्ञान और प्रबंधन श्रेणी में 7 विषयों में और कला और मानविकी श्रेणी में 2 विषयों में स्कोर किया। सामाजिक विज्ञान और प्रबंधन में जेजीयू की शैक्षणिक प्रतिष्ठा पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत बढ़ी है, जो जेजीयू के संकाय सदस्यों द्वारा किए गए शोध के विद्वता पूर्ण प्रभाव को दर्शाता है। ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) का जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जेजीएलएस) अब क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी विषयवार (लॉ) रैंकिंग 2021 में दुनिया भर के सभी लॉ स्कूलों में 76वें स्थान पर है। इसने जेजीएलएस को एक बार फिर भारत में नंबर एक लॉ स्कूल बनाया है और इस वर्ष फिर से इस एकमात्र भारतीय लॉ स्कूल को रैंकिंग में स्थान दिया गया।

इन प्रतिष्ठित रैंकिंग में विचार किये जाने वाले दुनिया भर के लॉ स्कूलों की संख्या, अन्य विषय क्षेत्रों में विचारित संस्थानों की तुलना में काफी अधिक है, जो दुनिया के लॉ स्कूलों के बीच गहन प्रतिस्पर्धा को उजागर करता है। जेजीएलएस, इस वर्ष इस रैंकिंग में स्थान पाने वाला पहला और एकमात्र भारतीय लॉ स्कूल है और भारत को कानूनी शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए वैश्विक मानचित्र पर रखता है।

इस वर्ष 76 की वैश्विक रैंक हासिल करने वाले जेजीएलएस ने पिछले वर्ष 101-150 ब्रैकेट से काफी बढ़त हासिल की है। जेजीएलएस को नियोक्ता प्रतिष्ठा और शैक्षणिक प्रतिष्ठा में दुनिया में क्रमश: 33वें और 58वें स्थान पर रखा गया है, जो क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी विषयवार रैंकिंग में दो सबसे महत्वपूर्ण पैरामीटर हैं। जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल की रैंकिंग में पिछले साल से महत्वपूर्ण सुधार रिसर्च साइटेशन में 45 प्रतिशत की वृद्धि और जेजीएलएस के रिसर्च आउटपुट के एच-इंडेक्स में 25 फीसदी की वृद्धि से संभव हो सका है।

ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक चांसलर नवीन जिंदल ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, वर्ष 2020 दुनिया भर के उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए एक चुनौतीपूर्ण वर्ष रहा है। ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने इन मुश्किलों में न केवल परिवर्तन और ²ढता को प्रदर्शित किया है, बल्कि कई बार अकादमिक उत्कृष्टता के लिए भी मार्ग प्रशस्त किया। जेजीएलएस इस वर्ष क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी विषयवार रैंकिंग में सुधार कर शीर्ष 100 में प्रवेश कर गया है। यह इन रैंकिंग में शामिल होने वाला भारत का एकमात्र लॉ स्कूल है। दुनिया के बेहतरीन लॉ स्कूलों में जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल को शामिल होता देखकर गर्व होता है। जेजीएलएस ने भारत को उच्च गुणवत्ता वाली कानूनी शिक्षाए अनुसंधान और प्रशिक्षण प्रदान करने के विश्व मानचित्र पर रखा है।

चांसलर जिंदल ने कहा कि, बारह साल पुराने विश्वविद्यालय के रूप में, यह उपलब्धि सराहनीय है। मैं अपने जेजीयू परिवार के सभी सदस्यों को इसे विश्व स्तर के संस्थान बनाने में उनकी प्रतिबद्धता, समर्पणए टीमवर्क और ²ढ़ता के लिए बधाई देता हूं। यह वास्तव में एक गर्व का क्षण है कि हम हमारे देश और शैक्षिक परि²श्य के निर्माण में लगातार योगदान देने में सक्षम हैं। भारत में इस महत्वपूर्ण अंतर को लाने के लिए मैं हमारे कुलपतिए प्रोफेसर डॉ. सी राजकुमार और जेजीयू और जेजीएलएस में उनके उत्कृष्ट सहयोगियों को बधाई देता हूं।

इस वर्ष की रैंकिंग तय करने के लिएए क्यूएस ने एक करोड़ 40 लाख अद्वितीय स्कॉलर दस्तावेजों का विश्लेषण किया, जिनमें से आठ करोड़ से अधिक साइटेशन प्राप्त हुए। 5 व्यापक विषय क्षेत्रों — सामाजिक विज्ञान और कानून सहित में 51 विषयों में 1453 संस्थानों को स्थान दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप 16,981 से अधिक प्रकाशित प्रविष्टियां हुईं। ये आंकड़े इस विशाल उपक्रम के पैमाने को दशार्ते हैं जिनका क्यूएस ने 2021 विषयवार रैंकिंग देने के लिए और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के परिमाण के निर्माण के लिए इस्तेमाल किया।

डॉ. सी राजकुमार ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि का स्वागत किया और कहा, दुनिया में जेजीएलएस के 76वें स्थान पर होने की खबर न केवल जेजीयू के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, बल्कि भारतीय कानूनी शिक्षा के लिए असाधारण क्षण भी है। दुनिया के शीर्ष 100 लॉ स्कूलों में स्थान प्राप्त करना और दुनिया के अग्रणी विश्वविद्यालयों के साथ मंच साझा करना जेजीयू की विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय बनने की आकांक्षा को प्रमाणित करता है। पिछले साल 101-150 रैंक बैंड से बढ़कर इस साल प्रतिष्ठित क्यूएस वल्र्ड यूनिवर्सिटी विषयवार (लाॉ) रैंकिंग 2021 में 76वें स्थान पर आना उल्लेखनीय उपलब्धि है और हमारी अपेक्षाकृत छोटी संस्थागत यात्रा में एक ऐतिहासिक विकास है।

डॉ राजकुमार ने कहा , हमारी निरंतर कोशिश होगी कि हम अपनी कक्षा के निर्देश, निदेर्शात्मक तरीकों, वैश्विक सहयोग और शोध की गुणवत्ता को और निखारें और भारत में कानूनी शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाएं। इस शैक्षणिक वर्ष में भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त इंस्टीट्यूशन ऑफ एमिनेंस के रूप में पहचाने जाने के साथ.साथ वैश्विक अग्रणी रैंकिंग में शामिल होना, भारत के उच्च शिक्षा परि²श्य में सकारात्मक योगदान करने की हमारी क्षमता में हमारा विश्वास मजबूत करता है।

2009 में स्थापित, जेजीयू निजी, गैर-लाभकारी विश्वविद्यालय है जो सामाजिक विज्ञान, कला और मानविकी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। कानून के प्रतिस्पर्धी शिक्षा में दुनिया के प्रतिष्ठित शीर्ष 100 में प्रवेश करने से भारत के विश्व मानचित्र पर स्थान पाने के लिए निजी विश्वविद्यालयों की विश्व स्तरीय बनने की क्षमता के बारे में लंबे समय से चली आ रही रूढ़ियां और पूर्वाग्रह टूट गए।

2009 में स्थापना के बाद से जेजीएलएस की छोटी यात्रा को याद करते हुए, प्रोफेसर राजकुमार ने कहा, जेजीयू में जेजीएलएस पहला स्कूल है जो इसे एक बहुत ही खास क्षण बनाता है। विशेष रूप से, जैसा कि हमने अपने समय के सबसे अभूतपूर्व संकटों में से एक के साथ 2020 की शुरूआत की थी। हमने यह कल्पना की थी कि हम इसे न केवल चुनौतियों से उबरने के अवसर के रूप में उपयोग करेंगे, बल्कि इसे प्राप्त करने के लिए एक पायदान आगे जाएंगे। यह वास्तव में बहुत ही विनम्र प्रयास है और मैं आभार की एक महान भावना के साथ आज मैं संस्थापक चांसलर और लाभार्थी, नवीन जिंदल की उनकी ²ष्टि, नेतृत्व और जनकल्याणकारी समर्थन के प्रति आभार व्यक्त करता हूं, जो हमें आज उस मुकाम पर लाए हैं। मैं अपने सहयोगियों और जेजीएलएस की नेतृत्व टीम के उत्कृष्ट योगदान के साथ² साथ छात्रों के लिए एक विश्व स्तरीय सीखने का अनुभव लाने के लिए संकाय की सराहना करता हूं और हमारे छात्रों की भी सराहना करता हूं जिन्होंने अपनी शिक्षा के लिए समर्पण और प्रतिबद्धता की गहरी भावना का प्रदर्शन किया।

इस अभूतपूर्व उपलब्धि पर, जेजीएलएस के कार्यकारी डीन प्रोफेसर, डॉ. एस जी श्रीजीत ने कहा, जेजीएलएस की शुरूआत 100 छात्रों के साथ हुई थी और लगभग एक दशक में हमारे पास 4000 से अधिक छात्र हो चुके हैं। इस अवधि के दौरान, हम भारतीय छात्रों के लिए विश्व स्तरीय कानूनी शिक्षा लाने के लिए और उन्हें कानून और कानूनी विकास पर वैश्विक परिप्रेक्ष्य प्रदान करने के लिए हमारी ²ष्टि के लिए प्रतिबद्ध हैं। आज, जेजीएलएस को उच्च प्रतिष्ठित लॉ स्कूलों के साथ रैंक दिया गया है जहां से हमारे अपने संकाय सदस्यों में से कई स्नातक हुए हैं। वास्तव में, यह देखना हमारे लिए बहुत ही अचंभित करने वाला है कि जेजीएलएस दुनिया के कुछ अग्रणी कानून स्कूलों से आगे बढ़ने में सक्षम है। यह अभिमान रहित है और यह हमारी ²ष्टि को छात्रों और संकाय सदस्यों के अनुभव को जारी रखने के लिए एक बड़ी प्रेरणा देता है।

जेजीयू के रजिस्ट्रार प्रोफेसर दाबीरू श्रीधर पटनायक ने इस उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, जेजीयू ने कल के वैश्विक नेता बनने के मिशन के साथ हमेशा भारत में एक विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय बनने की आकांक्षा व्यक्त की है। जेजीएलएस को दुनिया के 76वें सर्वश्रेष्ठ लॉ स्कूल के रूप में स्थान दिए जाने की खबर हमारे लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह कानूनी शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता की हमारी खोज की एक मान्यता है जहां हमारी दशक भर की यात्रा दस अंतर-अनुशासनात्मक स्कूलों में समाप्त हुई है, जिनमें 6600 से अधिक छात्र और 830 से अधिक पूर्णकालिक संकाय सदस्य हैं।

–आईएएनएस

एसकेपी