जामिया हिंसा : जारी हो रहे विवादित वीडियो पर पुलिस संजीदा, जांच शुरू

 नई दिल्ली, 18 फरवरी (आईएएनएस)| बीते साल बीच दिसंबर में जामिया जाकिर नगर में हुए हिंसा के वीडियो अब एक के बाद एक कहां से, क्यों और कैसे बाहर आ रहे हैं? इस सवाल को लेकर दिल्ली पुलिस संजीदा हो गई है।

  तीन-चार दिनों से मीडिया में उछल रहे वीडियो की जांच दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने शुरू कर दी है। पुलिस को आशंका है कि कहीं जांच को प्रभावित करने के लिए ही ये वीडियो वायरल न कराए जा रहे हों।

मंगलवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान नाम जाहिर न करने की शर्त पर दिल्ली पुलिस एसआईटी के एक अधिकारी ने बताया, “वीडियो ठीक उसी दिन से, यानी मंगलवार से ठीक तीन-चार दिन पहले ही आखिर क्यों बाहर आ रहे हैं? दूसरा सवाल यह भी है कि इन वीडियो को अगर जामिया जाकिर नगर के दंगों का बताया जा रहा है तो फिर इस वीडियो को वायरल करने वालों ने ईमानदारी के साथ पूरे मामले की जांच कर रही अपराध शाखा की एसआईटी से इसे अब तक छिपाकर क्यों रखा?”

इसी आला अफसर ने बताया कि जो भी वीडियो सामने आए हैं, उन सबको जांच के दायरे में ले लिया गया है। संभव है कि वीडियो जामिया-जाकिर नगर इलाके से ही वायरल करवाए जा रहे हों। हालांकि इसकी पुख्ता जांच शुरू कर दी गई है, ताकि इस वक्त वायरल वीडियो को बाहर लाने के पीछे मकसद पता चल सके।

दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के एक एसीपी स्तर के अधिकारी के मुताबिक, “दरअसल, अभी इन वीडियो पर कुछ खुलकर बोलना इसलिए ठीक नहीं होगा, क्योंकि पुलिस की जबाबदेही पहले कानून के प्रति है। हम इन वीडियो और उन्हें बाहर लाए जाने के रास्तों की जांच कर रहे हैं। कुछ वीडियो कब्जे में लिए गए हैं।”

दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की एसआईटी के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर कहा, “पुलिस के पास जो वीडियो पहले आ चुके थे, वो तकरीबन सभी के पास थे। हमें जांच के लिए और हिंसा फैलाने वालों की पहचान करने के लिए ये वीडियो बहुत काम के लगे। इन्हीं वीडियो से पता चला कि हिंसा फैलाने वाले असली गुनहगार और जिम्मेदार कौन थे? इन संदिग्धों में से कई गिरफ्तार भी हो चुके हैं। जो फरार हैं वे भी आज नहीं तो कल मिल जाएंगे।”

जामिया मिलिया इस्लामिया के प्रवक्ता अहमद अजीम ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “वीडियो बाहर आ रहे हैं। वायरल हो रहे हैं। वीडियो किसने बनाए? वीडियो बाहर लाने में किसका हाथ है? या फिर जामिया मिलिया विश्वविद्यालय से मिलते-जुलते नाम से जो संस्था वीडियो बाहर लाने की दावेदारी कर रही है, उस संस्था से यूनिवर्सिटी का कोई लेना देना नहीं है।”

यह पूछे जाने पर कि वीडियो लीक करने के पीछे जामिया यूनिवर्सिटी ही संदेह के घेरे में आ रही है? इस पर अहमद अजीम ने कहा, “नहीं, यह बेबुनियाद है। पुलिस जांच कर ले। विश्वविद्यालय प्रशासन का इन वीडियो से कोई लेना-देना नहीं है।”

एक वीडियो में हाथों में पत्थर लिए छात्र दिखाई दे रहे हैं! इस बाबत पूछे जाने पर जामिया विवि प्रवक्ता ने कहा, “इस वीडियो की सच्चाई भी पुलिस को लगानी चाहिए। वैसे, कुछ न्यूज चैनल्स पर इन वीडियो को दिल्ली पुलिस से ही लीक कराया हुआ बताया जा रहा है। पुलिस देखे कि चैनल का दावा कहां और कितना खरा उतरता है?”

पूरे मामले और इन वीडियो की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, “वीडियो संदिग्ध हैं। कोई भी अंदाजा लगा सकता है कि इन विवादित वीडियो के इस वक्त बाहर लाने से किसको नफा-नुकसान होगा? फिर भी हमारा काम जांच का है। हम जांच कर रहे हैं।”